पश्चिमी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में बीमार छात्र को स्कूल से निकाल दिया गया है. छात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती है. बच्चे के अभिभावकों ने इसकी शिकायत ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन (एआइपीए) से की है, जिसे शिक्षा निदेशक तक भी पहुंचाया गया है.
एआइपीए के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि महावीर एन्क्लेव रहने वाली अमृता कुमारी का बेटा अंकित बिंदापुर के राजकीय विद्यालय में कक्षा 9वीं में पढ़ता है. नवंबर 2014 में वह बीमार हो गया और डॉक्टरों ने बताया कि उसे रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारी है. इसकी सर्जरी में बहुत खर्चा आएगा. आर्थिक हालत ठीक न होने के चलते अंकित के इलाज के लिए उसके माता-पिता ने हाईकोर्ट में भी अर्जी लगाई और कोर्ट ने 24 दिसंबर को आदेश दिया कि एम्स बच्चे का इलाज नि:शुल्क करे.
अंकित अभी भी एम्स में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है. एआइपीए में दर्ज शिकायत के मुताबिक 27 दिसंबर को स्कूल प्रशासन ने अंकित का नाम काट दिया. स्कूल ने कहा कि वह लगातार गैरहाजिर था और इसी वजह से उसका नाम काट दिया गया है. बीमारी की बात सुनकर भी स्कूल नहीं माना. अब अभिभावकों ने शिक्षा निदेशालय में इसकी शिकायत की है और दोबारा स्कूल में दाखिले की मांग की है.