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RSS का दिल्ली में गुरु दक्षिणा कार्यक्रम 25 जुलाई को, केंद्रीय मंत्री और BJP सांसद करेंगे शिरकत

27 सितम्बर 1925 को संघ की स्थापना के बाद 1928 में पहली बार गुरु दक्षिणा कार्यक्रम हुआ. बताते हैं कि तब कुल मिलाकर 84.50 रुपए एकत्र हुए थे. लेकिन अब 90 से ज्यादा साल बीत चुके हैं.

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आरएसएस के स्वयंसेवक (फाइल फोटो)
आरएसएस के स्वयंसेवक (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का इस बार दिल्ली में गुरुदक्षिणा कार्यक्रम 25 जुलाई को होगा. ये कार्यक्रम प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के आवास पर होगा. कार्यक्रम में बीजेपी के सभी सांसद और मंत्री मौजूद रहेंगे.

गुरुदक्षिणा कार्यक्रम डॉ. कृष्ण गोपाल की अगुवाई में होने जा रहा है. ये संघ का वार्षिक कार्यक्रम है. गुरुदक्षिणा कार्यक्रम में शिरकत करने वाले संघ के लिए गुप्त दान करते हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में गुरु पूर्णिमा उत्सव पर गुरु दक्षिणा देने की परंपरा 1928 से चली आ रही है.

27 सितंबर 1925 को संघ की स्थापना के बाद 1928 में पहली बार गुरु दक्षिणा कार्यक्रम हुआ. बताते हैं कि तब कुल मिलाकर 84.50 रुपए एकत्र हुए थे. लेकिन अब 90 से ज्यादा साल बीत चुके हैं. संघ का संगठन पूरे देश में फैला हुआ है. लाखों कार्यकर्ता देश भर में इसमें हिस्सा लेते हैं, इसलिए अंदाज लगाया जाता है कि गुरु दक्षिणा कार्यक्रमों में करोड़ों रुपए संघ के कोष में जमा होते हैं.

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संघ से जुड़े सूत्रों की मानें तो अकेले दिल्ली में ही पिछले साल 95,000 से ज्यादा स्वंयसेवकों ने गुरुदक्षिणा कार्यक्रम में हिस्सा लिया. दिल्ली में होने वाले गुरुदक्षिणा कार्यक्रमों में भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, केंद्र सरकार के कई मंत्री, बड़े वैज्ञानिक और फिल्म जगत की हस्तियां तक दक्षिणा दे चुके हैं. हालांकि संघ की तरफ से गुरु दक्षिणा के आंकड़ों के बारे में कभी जानकारी नहीं दी जाती है.

समय के साथ संघ ने गुरु दक्षिणा के लिए कई बदलाव किए हैं. गुरु दक्षिणा में यदि किसी को बड़ी रकम देनी हो तो उसके लिए चेक या ड्राफ्ट अनिवार्य कर दिया गया है.  दक्षिणा सीधे आरएसएस के बैंक खाते में दी जा सकेगी. गुरु दक्षिणा के लिए आईडी, ईमेल और आधार नंबर भी अनिवार्य कर दिया गया है.

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