राजीव गांधी भारत रत्न वापसी के प्रस्ताव का विवाद इतना गहरा गया है कि अब आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री सरकारी कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं. सोमवार की सुबह दिल्ली विधानसभा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मदन मोहन मालवीय के 158वें जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन रखा गया था लेकिन इस कार्यक्रम में सिर्फ विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ही अकेले नजर आए.
सवाल ये उठता है कि क्या शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा से शुरू हुए राजीव गांधी भारत रत्न विवाद के बाद मंत्री और विधायक सरकारी कार्यक्रम से दूरी बना रहे हैं? विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने सवाल पूछने पर पहले तो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल न होने पर कहा कि "मेरे पास कोई संदेश नही है कि वो दिल्ली में हैं या नही. अक्सर वो कार्यक्रम में आते हैं लेकिन जरूरी नही कि वह हर कार्यक्रम में आएं. हालांकि अध्यक्ष का होना जरूरी है, तो मैं आया हूं."
कार्यक्रम से विधायकों की गैर मौजूदगी पर भी विधानसभा स्पीकर सफाई देते नजर आए. उन्होंने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है कि विधायक विधानसभा कार्यक्रम से दूरी बना रहे हैं. कल 25 दिसम्बर है. हो सकता है विधायक छुट्टी मना रहे हों या बाहर हों. इस बारे में टिप्पणी करना सही नहीं."
साथ ही विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने राजीव गांधी के भारत सम्मान वापिस करने के प्रस्ताव से उठे विवाद पर भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि "मैं बहुत अलर्ट था, कोई भूल-चूक नहीं हुई. यह विषय बेहद भावुक था. मेरे पास जो संकल्प आया था, उसमें राजीव गांधी शब्द कहीं नहीं था. जरनैल सिंह ने जो प्रस्ताव पढ़ा, मुझे वो संशोधन के रूप में नहीं दिया गया, तो मुझे इस विषय को छेड़ने की ज़रूरत नहीं पड़ी. मैंने संशोधित शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. हालांकि ये जरूर कह सकते हैं कि मुझे जरनैल सिंह को उस वक्त टोकना चाहिए था, लेकिन मैं टोकता तो कई सदस्य उसके पक्ष में खड़े हो जाते, इससे दुविधा बन जाती. दोबारा प्रस्ताव लाने का सवाल नहीं उठता है. आज एक बुलेटिन भी जारी किया जाएगा.
अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कांग्रेस पर भी हमला किया. उन्होंने अजय माकन पर निशाना साधते हुए कहा कि अजय माकन पर बड़ा अफसोस होता है. वो विधानसभा के किसी कार्यक्रम में आते नहीं हैं. विधानसभा ने 25 साल पूरे किए लेकिन वो उस कार्यक्रम में नहीं आए जबकि अनेकों साल उनकी सरकार दिल्ली में रही है.