हर कोई अपनी जीविका के लिए बड़े शहर की ओर भागता है, लेकिन शहर जितना देता है उससे कहीं अधिक ले लेता है. दिल्ली के मशहूर सर गंगाराम हॉस्पिटल द्वारा जारी की गई ताज़ा रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाला ख़ुलासा हुआ है. रिपोर्ट कहती है कि सिगरेट ना पीने वाले लोग यानी नॉन स्मोकर्स में भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है.
दरअसल दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में फेफड़ों का कैंसर का इलाज कराने आए डेढ़ सौ मरीज़ों पर स्टडी की गई तो पाया गया कि तक़रीबन आधे मरीज़ वो है जो कभी धूम्रपान नहीं करते. मतलब साफ़ है कि प्रदूषित शहर में रहने से आपका फेफड़ा उतना ही ज़्यादा प्रदूषित होता है जितना कि धूम्रपान करने से होता है.
युवाओं और महिलाओं में भी बढ़ रहा है लंग कैंसर
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर अरविंद कुमार बताते हैं कि आज 20 साल पहले युवाओं और महिलाओं को लंग कैंसर कभी नहीं होता था, लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि कम उम्र के युवा जो कि बीस से तीस साल के हैं और महिलाओं को भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है. इनमें अधिकतर वो शामिल हैं जो धूम्रपान नहीं करते.
उदाहरण के तौर पर अस्पताल में इलाज कराने आए पूर्वी दिल्ली के रहने वाले नदीम ने ज़िंदगी में कभी सिगरेट नहीं पी. लेकिन 4 साल पहले जब ये 26 साल के थे, एक दिन इन्हें तक़लीफ़ हुई और जब हॉस्पिटल पहुँचे तो तमाम जांचों के बाद पता चला कि इन्हें लंग कैंसर है. नदीम कहते हैं कि उन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी लेकिन जहां वो रहते हैं वहाँ पर हमेशा कंस्ट्रक्शन का काम चलता रहता है. मतलब साफ़ है कि भले ही आप धूम्रपान न करते हों लेकिन ऐसी जगह रहते हों जहाँ पर प्रदूषण बहूत है तो आपके अंदर धूम्रपान करने जितना ही प्रदूषण जा रहा है. इनका इलाज करने वाले गंगा राम हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर अरविंद कहते हैं कि प्रदूषित शहर में रहने वाले व्यक्ति बग़ैर धूम्रपान किए ही हर समय अपने अंदर धूम्रपान वाला धुंआ ले रहे होते हैं.
बहरहाल एक बात तो साफ़ है कि प्रदूषित शहर में रहना ही आपके अंदर फेफड़े के कैंसर जैसी बीमारियां पैदा कर सकता है.