आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण के बयान से किनार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेना तैनाती पर उनकी पार्टी (आप) जनमत संग्रह के पक्ष में नहीं है.
उन्होंने कहा, 'पार्टी जम्मू और कश्मीर में सेना की तैनाती पर जनमत संग्रह के पक्ष में नहीं है लेकिन सेना तैनाती पर कश्मीरियों की भावना का खयाल रखा जाना चाहिए. प्रशांत भूषण ने जो कहा वो उनकी निजी राय थी.'
इससे पहले आजतक के कार्यक्रम सीधी बात में प्रशांत भूषण ने कहा कि कश्मीर के लोग सेना की तैनाती चाहते हैं या नहीं, इस सवाल पर जनमत संग्रह होना चाहिए.
प्रशांत भूषण ने जम्मू कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) हटाये जाने की वकालत करते हुए कहा कि यह मानवाधिकारों के मामले में सेना को छूट प्रदान करता है, साथ ही लोगों में अलगाव की भावना पैदा करता है.
भूषण ने आज तक को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘ यह अत्यंत जरूरी है कि हम लोगों के दिलों और मन को जीतें और अलगाव की भावना को उभरने से रोकें. इसके लिए जो पहली चीज किये जाने की जरूरत है, वह आफस्पा को हटाने की है जो सेना को मानवाधिकार के उल्लंघन के मामलों में छूट प्रदान करता है.’ उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के मामलों में सेना की तैनाती लोगों की मंजूरी के बाद ही प्रभावी होनी चाहिए सिवाए ऐसे स्थानों पर जहां अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा जरूरी हो.
वहीं उप-राज्यपाल नजीब जंग के विधानसभा में संबोधन पर केजरीवाल ने कहा, 'उप-राज्यपाल ने वही कहा जो हमारी सरकार करना चाहती है. हमें कई चुनौतियों का सामना करना है. हम नए अधिकारियों की भर्ती कर रहे हैं लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा. हमने जो वादे किए हैं वो सभी पूरा करेंगे. हम अपने एजेंडा बना रहे हैं और उनपर काम भी कर रहे हैं.'
उप-राज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली विधानसभा में कहा कि लोगों ने इस बार बदलाव के लिए वोट किया है और सरकार को इस बात का पूरा अहसास है कि लोगों ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने कहा कि जनलोकपाल विधेयक आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की प्राथमिकता है. विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उनके वादे को पूरा किए जाने की उम्मीद जताई.