आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि राजधानी दिल्ली में लाइसेंस हथियारों की संख्या तकरीबन 43,000 से ज्यादा है, लेकिन महिलाओं को मिलने वाले लाइसेंस की संख्या सिर्फ 1% है.
आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा हथियार साउथ दिल्ली में लोगों ने ले रखे हैं. अन्य जिलों के अलावा साउथ दिल्ली की महिलाएं भी हथियार लेने में आगे हैं. पूरी दिल्ली में 1,030 महिलाओं ने हथियार के लिए लाइसेंस ले रखा है. जुलाई तक करीब 43000 पुरुषों ने लाइसेंसी हथियार ले रखा है.
साउथ दिल्ली में 8,500 लाइसेंस धारक
साउथ दिल्ली में महिला पुरुष मिलाकर 8,500 लाइसेंस धारक हैं. साउथ वेस्ट जिले में भी 6,000 लोगों के पास लाइसेंस हैं. यानी चौथाई हिस्सा लाइसेंस का सिर्फ साउथ दिल्ली और साउथ वेस्ट दिल्ली में ही है. द्वारका इलाके में सबसे कम लाइसेंस दिए गए हैं.
विभिन्न कंपनियों और बैंक के नाम पर करीब 800 लाइसेंस दिया गया है. ज्यादातर सिक्योरिटी कंपनियों और बैंक से जुड़ी एजेंसियों के पास ही लाइसेंस है.
राजधानी दिल्ली में वक्त के साथ स्नैचिंग और महिलाओं के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में कम से कम महिलाओं को लाइसेंस का मिलना कई सारे सवाल खड़े करता है.
'जेंडर के आधार पर डिस्क्रिमिनेशन नहीं'
हालांकि, दिल्ली पुलिस से रिटायर एसीपी वेद भूषण का कहना है ''लाइसेंस डिपार्टमेंट के पास कई तरह की शर्तें होती हैं. जब उन कैटेगरीज पर कोई भी महिला या पुरुष खरा उतरता है तो उसे लाइसेंस दे दिया जाता है. जेंडर के आधार पर डिस्क्रिमिनेशन की कोई बात ही नहीं है.'