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केजरीवाल के अनशन का सातवां दिन, बिगड़ी तबीयत

दिल्ली की सियासत में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का कद धीरे-धीरे बढ़ रहा है. बिजली-पानी के मुद्दों पर शुरू हुआ उनका उपवास सातवें दिन भी जारी है और जनता का समर्थन भी बढ़ रहा है. ये उपवास कब तक चलेगा और कैसे टूटेगा. इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है.

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल

दिल्ली की सियासत में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का कद धीरे-धीरे बढ़ रहा है. बिजली-पानी के मुद्दों पर शुरू हुआ उनका उपवास सातवें दिन भी जारी है और जनता का समर्थन भी बढ़ रहा है. ये उपवास कब तक चलेगा और कैसे टूटेगा. इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है.

केजरीवाल ने कहा है कि वो उपवास नहीं तोडेंगे. आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर ने केजरीवाल से अपील की थी वो अपना उपवास खत्म कर दें. इस बीच केजरीवाल के प्रति लोगों का समर्थन बढ़ता जा रहा है. अब तक तीन लाख पचहत्तर हजार लोगों ने बिजली के बिल नहीं भरने के पत्र पर हस्ताक्षर किया है.

चिंता की बात यह है कि केजरीवाल की तबीयत लगातार बिगड़ रही है. उनका कीटोन लेवल फोर प्लस तक पहुंच गया है.

हालांकि दिल्ली की सियासत के लिए ये खास वक्त है. 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल इस वक्त की कीमत पहचानते हैं. तभी वो छह दिन से उपवास पर हैं. अन्न को छुए बगैर वो जनता के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं.

बढ़ते बिजली और पानी के बिल ऐसा मुद्दा जो दिल्ली की के बड़े हिस्से को छू रहा है. जनता को घरों से निकलने पर विवश कर रहा है. तभी तो केजरीवाल डटे हुए हैं. क्योंकि जैसे जैसे वक्त बीत रहा है. सेहत गिर रही है. जनता पर भी जादुई असर हो रहा है. लोगों की भीड़ बढ़ रही है और अरविंद केजरीवाल सत्ता में बैठी शीला दीक्षित को अपनी ताकत का अहसास भी करा पा रहे हैं.

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में है और केजरीवाल तबतक दिल्ली के हर कोने में अपनी पार्टी की पहुंच बना लेना चाहते हैं. ताकि जब चुनाव का ऐन वक्त आए तो बड़ी लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी जा सके.

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