डेंगू को लेकर एक बार फिर एमसीडी चेकिंग का दावा तो कर रही है लेकिन स्थिति ठीक इसके विपरीत है. उत्तरी नगर निगम हो या फिर पूर्वी दिल्ली नगर निगम दोनो ही एमसीडी में स्टाफ की बेहद कमी है.
उत्तरी नगर निगम 104 वार्डो में और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 64 वार्डो में डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों के ब्रीडिंग की चेकिंग का दावा कर रहा है. लेकिन दोनों ही एमसीडी में जिस विभाग के पास इसका जिम्मा है वहां स्टाफ की संख्या बहुत कम है.
सूत्रों के मुताबिक पब्लिक हेल्थ के डिपार्टमेंट में असिस्टेंट मलेरिया अफसर, सीनियर मलेरिया इंस्पेक्टर , मलेरिया इंस्पेक्टर को मिलाकर करीब 500 पद है. इसमें से 345 पद खाली पड़े है यानी इससे से समझ जा सकता है ऐसे में न तो ब्रीडिंग की जांच ठीक से हो पाती है और न ही ब्रीडिंग चेकर्स की मॉनिटरिंग होती है.
जहां उत्तरी नगर निगम के 500 पदों में से 110 कर्मचारी काम करते है बाकी के पद खाली पड़े है अभी असिस्टेंट मलेरिया इंस्पेक्टर के सभी पद खाली हैं. सीनियर मलेरिया इंस्पेक्टर के भी सभी पद खाली हैं. मलेरिया इंस्पेक्टर के 121 पदों में सिर्फ 20 पदों पर ही नियुक्तियां की गई हैं. बाकी 101 पद खाली हैं. असिस्टेंट मलेरिया इंस्पेक्टर के 360 पदों में से 90 पदों पर रेगुलर कर्मचारियों और 35 पदों पर कॉन्ट्रैक्ट पर अपॉइंटमेंट की गई हैं. इस तरह से 360 में से 223 पद अभी भी खाली हैं.
ब्रीडिंग चेकिंग के साथ मॉनिटरिंग की भी जिम्मेदारी
अधिकारियो का कहना है विभाग के ऊपर सिर्फ ब्रीडिंग चेकिंग की ही नहीं बल्कि मॉनिटरिंग की भी जिम्मेदारी है. यहां रेगुलर कर्मचारियो की कमी तो है ही वही कॉन्ट्रैक्ट पर भी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. इससे न तो ठीक से ब्रीडिंग की चेकिंग हो पा रही है और न ही चेकर्स की मॉनिटरिंग ठीक ढंग से होती है. ब्रीडिंग चेकर्स जो आंकड़े पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को उपलब्ध कराते हैं, उन्हें बिना वेरिफाई किए ही सर्टिफाई कर दिया जाता है. इससे स्थिति का सही आकलन करना मुश्किल होता है.