scorecardresearch
 

MCD Election: इतिहास से छेड़छाड़ को लेकर BJP नेताओं पर भड़का अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने पीएम को लिखे पत्र में नोएडा के सांसद महेश शर्मा के खिलाफ सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर समुदाय से जोड़कर राजपूत इतिहास से छेड़छाड़ करने की भी शिकायत की है.

Advertisement
X
ABKM
ABKM
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजपूत शासक सम्राट मिहिर को बताया था गुर्जर
  • पीएम मोदी को भेजी गई शिकायत

दिल्ली में आगामी नगर पालिका चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नगर इकाई तीनों निगमों में अपनी स्थिति बनाए रखने की कोशिश कर रही है और इस प्रक्रिया में नेता महान योद्धाओं की प्रतिमाएं स्थापित कर विभिन्न मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

राजपूत शासक सम्राट मिहिर को बताया गुर्जर

इसी बीच नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से सांसद मीनाक्षी लेखी ने 5 मार्च को उत्तर भारत के 9वीं शताब्दी के राजपूत शासक सम्राट मिहिर भोज की एक मूर्ति का उद्घाटन किया और उन्हें गुर्जर करार देकर राजपूत समाज को परेशान कर दिया. इधर, उत्तर एमसीडी के पूर्व महापौर जय प्रकाश ने फरवरी को मारवाड़ साम्राज्य के 15वीं शताब्दी के योद्धा दुर्गादास राठौर की एक प्रतिमा का उद्घाटन किया, जिसमें उन्हें तेली कहा गया था. इन घटनाओं के अलावा, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने 9 फरवरी को जौनपुर गांव में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का कथित तौर पर उद्घाटन किया और उन्हें गुर्जर बता दिया.

पीएम मोदी को भेजी गई शिकायत

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (ABKM) के अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि हमने इसको लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायत भेज दी है. सम्राट मिहिर भोज के वंशज पहले ही इस मुद्दे पर आपत्ति उठा चुके हैं. दिल्ली भाजपा के नेता दुर्गादास राठौर के चरित्रों को अतिमानवीय बताकर राजपूतों के गौरवशाली इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं. जबकि तेली समुदाय ने दुर्गादास राठौर और गुर्जर समुदाय ने सम्राट मिहिर भोज पर दावा किया.

Advertisement

मध्य प्रदेश में हैं सम्राट मिहिर भोज के वंशज

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से प्राचीन भारत के इतिहासकार डॉ. भगवान सिंह ने कहा, "दुर्गादास राठौर उन उग्र योद्धाओं में से एक थे जिन्होंने मुगल साम्राज्य को विस्तार से रोका और मारवाड़ को मुगलों का शक्तिशाली दुश्मन बनाया. मिहिर भोज एक प्रतिहार राजपूत थे, जिनके वंशज अभी भी मध्य प्रदेश में नागोड सहित उत्तरी भारत के विभिन्न क्षेत्रों में हैं. मिहिर भोज के ग्रंथों में गुर्जर उस क्षेत्र को इंगित करने के लिए है जिस पर उन्होंने शासन किया, जो वर्तमान गुजरात और निम्न राजस्थान की स्थिति है. समकालीन इतिहासकार उस क्षेत्र को गुर्जरराष्ट्र कहते हैं और इसका गुर्जर समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है." 

बता दें कि उत्तर प्रदेश में इसी तरह की घटनाओं ने पार्टी को बैकफुट पर धकेल दिया था और राजपूत समुदाय द्वारा विरोध को शांत करने के लिए 'क्षति नियंत्रण' के उपाय किए गए थे.

'क्षुद्र राजनीति के लिए पूर्वजों की पहचान चुरा रहे'

महेंद्र सिंह तंवर ने कहा "भारत का इतिहास राजपूतों का इतिहास है, हम क्षुद्र राजनीति के लिए पूर्वजों की पहचान चुराने नहीं दे सकते. राजनीतिक दलों को समझना चाहिए कि यह गर्व और सम्मान की बात है क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इस देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. हम सभी इस बात से सहमत हैं कि दुर्गादास राठौर और मिहिर भोज जैसी महान हस्तियां सभी के लिए नायक हैं, लेकिन उन्हें दूसरे समुदायों से जोड़ना और वोटों के लिए हमारे इतिहास को छे़ड़ा जा रहा. अगर चीजें जल्द नहीं सुलझाई गईं तो हम अपना विरोध दर्ज करेंगे.

Advertisement

महेश शर्मा के खिलाफ भी शिकायत

पीएम को लिखे पत्र में एबीकेएम ने नोएडा के सांसद महेश शर्मा के खिलाफ सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर समुदाय से जोड़कर राजपूत इतिहास से छेड़छाड़ करने की भी शिकायत की है. सम्राट मिहिर भोज के वंशज, मध्य प्रदेश के नागोड एस्टेट के राजकुमार राजकुमार अरुणोदय सिंह परिहार ने पहले ही राजपूत इतिहास के विरूपण पर आपत्ति जताई है और पीएम मोदी को इस मुद्दे के बारे में वंश के सभी सबूतों के साथ लिखा है.

 

Advertisement
Advertisement