प्रदूषण से एक तरफ दिल्ली हलकान है, तो वहीं अब प्रदूषण को कैसे रोका जाए इसपर चर्चा भी ज़ोर पकड़ रही है. सवाल ये है कि प्रदूषण फैलाने वालों को कैसे रोका जाए. इसी बीच साउथ एमसीडी ने दूसरे नगरीय निकायों के सामने एक नज़ीर पेश की है. दरअसल साउथ एमसीडी ने पिछले डेढ़ सालों में प्रदूषण फैलाने वालों का चालान कर उनसे 2 करोड़ रुपए से ज़्यादा की वसूली की है.
निगम से मिली जानकारी के अनुसार साउथ एमसीडी ने अप्रैल 2016 से लेकर अक्टूबर 2017 के बीच प्रदूषण फैलाने वाले 3 हज़ार 801 लोगों से कुल 2 करोड़ 31 लाख 70 हज़ार रुपए की वसूली की है. निगम से मिली जानकारी के मुताबिक 1 करोड़ 48 लाख 50 हज़ार के करीब की वसूली निर्माण कार्यों के दौरान प्रदूषण फैलाने वाले 2563 लोगों से हुई है, जबकि खुले में सूखे पत्ते जलाने और कूड़ा जलाने वाले 1238 लोगों से 83 लाख 20 हज़ार रुपए की वसूली हुई है.
वहीं, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के रोहिणी ज़ोन ने भी गुरुवार को एनजीटी चालान के ज़रिए लोगों से 9 लाख रुपए से ज़्यादा की वसूली की है. नॉर्थ एमसीडी के मुताबिक गुरुवार 9 नवंबर को नॉर्थ एमसीडी के बिल्डिंग विभाग ने कुल 59 एनजीटी चालान काटे और उससे 9 लाख 10 हज़ार रुपए की वसूली की है.
साउथ दिल्ली की मेयर ने जताई चिंता
दिल्ली में छाई स्मॉग की परत पर साउथ दिल्ली की मेयर ने भी चिंता जताई है. मेयर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो एनजीटी के आदेशों का सख्ती से पालन करें. मेयर ने डेम्स विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेकैनिकल स्वीपर के ज़रिए दिन में दो बार सड़कों की सफाई की जाए. वातावरण में धूल ना फैले इसके लिए मशीनों से पानी का छिड़काव हो. इसके अलावा दिल्ली से होकर गुज़रने वाले भारी वाहनों के दिल्ली प्रवेश पर भी पांबदी को सख्ती से लागू किया जाए.
कांग्रेस ने की विशेष सदन की मांग
साउथ एमसीडी में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने दिल्ली में फैले प्रदूषण पर चर्चा के लिए मेयर से मुलाकात की. उन्होंने प्रदूषण पर निगम में हाउस की विशेष बैठक का अनुरोध किया. दत्त ने मांग की है कि निगम अपनी खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरे ताकि प्रदूषण से लड़ाई में कर्मचारियों की कमी आड़े ना आए. उन्होंने आरोप लगाए कि प्रदूषण को खत्म करने में निगम की खास दिलचस्पी नहीं है.