दिल्ली की अदालत ने एक कलयुगी जीजा को 7 साल जेल की सजा सुनाई है. इस शख्स को अपनी 17 साल की साली से रेप करने का दोषी पाया गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रेणु भटनागर ने दिल्ली निवासी जसपाल सिंह को सजा सुनाते हुए कहा कि पीड़िता की गवाही से अभियोजन पक्ष का यह मामला साबित हो गया है कि दोषी ने उसके साथ बलात्कार किया था.
न्यायाधीश ने कहा, ‘किशोरी की गवाही पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है, जो अकाट्य और विश्वासयोग्य है. आरोपी ने अपने बचाव में गलत तरीके से फंसाने का कोई उचित कारण नहीं दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘आरोपी किशोरी का जीजा है. लड़की के बयान की पुष्टि चिकित्सा साक्ष्यों से भी होती है और इसी से यह भरोसा होता है एवं अभियोजन का पक्ष स्पष्ट रूप से साबित होता है कि आरोपी ने किशोरी की सहमति के बिना उसके साथ बलात्कार किया.’ अदालत ने सिंह पर 5000 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अभियोजन के अनुसार अभियुक्त ने किशोरी के साथ 2010 में पीड़िता के घर में तब बलात्कार किया जब वह अपनी पत्नी के बारे में पूछताछ करने के लिए वहां आया था.
पीड़िता ने शुरू में बदल दिया था अपना बयान
पीड़िता ने शुरू में अपना बयान बदल दिया था. लेकिन बाद में अदालत द्वारा जिरह किये जाने पर उसने सत्य बताया. उसने शुरू में कहा कि आरोपी को जब यह पता चला कि उसकी पत्नी उसकी सास के साथ बाहर गयी है तो वह बहुत नाराज हुआ. आरोपी ने पीड़िता को थप्पड़ मारा और धक्का दिया लेकिन उसके साथ बलात्कार नहीं किया.
बाद में उसने अभियोजन पक्ष के दावे का समर्थन करते हुए कहा कि घटना के दिन उसकी तबीयत ठीक नहीं थी और वह अपने कमरे में आराम कर रही थी. आरोपी वहां आया और उसके साथ बलात्कार किया.
सुनवाई के दौरान आरोपी ने कहा कि वह किशोरी के घर वैवाहिक विवाद का निपटारा करने गया था लेकिन जब उसने तीन लाख रुपये देने से इंकार कर दिया तो उसे बलात्कार मामले में गलत रूप से फंसा दिया गया.
अदालत ने उसके दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह ऐसा कोई भी सबूत पेश करने में विफल रहा कि उसने पीड़िता की मां को एक लाख रुपये दिये थे. चिकित्सा साक्ष्य साबित करते है कि उसने किशोरी के साथ बलात्कार किया था.