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यौन उत्पीड़न केस: JNU प्रोफेसर अतुल जौहरी पर हाइकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

जेएनयू की छात्राओं से छेड़छाड़ करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने जौहरी के खिलाफ 8 मुकदमे दर्ज किए हुए हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था, लेकिन कुछ ही घंटों के बाद उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

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अतुल जौहरी की गिरफ्तारी की मांग करतीं छात्राएं(फाइल फोटो)
अतुल जौहरी की गिरफ्तारी की मांग करतीं छात्राएं(फाइल फोटो)

यौन उत्पीड़न के आरोपी जेएनयू के प्रोफेसर अतुल जौहरी को निलंबित करने और विश्वविद्यालय परिसर में उनके प्रवेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जौहरी जेएनयू के लाइफ साइंस विभाग में प्रोफेसर हैं और इस विभाग की 9 छात्राओं ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

इन पीड़ित छात्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके जौहरी के जेएनयू परिसर में प्रवेश और विश्वविद्यालय से निलंबित करने की मांग की है. इस मामले पर बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस राजीव शकधर के सामने प्रोफेसर के वकील ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल को विश्विद्यालय परिसर में आने से नहीं रोका जा सकता. वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को स्कूल जाने वाली अपनी बेटियों की सुरक्षा की चिंता है. इतना ही नहीं प्रोफेसर की बेटियों को स्कूल में ताने मारे जाते हैं, छात्रों ने उनके घर के सामने प्रदर्शन किया है.

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दूसरी तरफ जेएनयू प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जौहरी के खिलाफ कार्रवाई तब तक नहीं की जा सकती है जब तक आतंरिक जांच समिति को औपचारिक शिकायत नहीं मिल जाती, लेकिन याचिकाकर्ता छात्राओं ने इसका विरोध किया और कहा कि जेएनयू की आंतरिक जांच समिति ने पीड़ित छात्राओं को समन जारी कर जांच में शामिल होने को कहा है. जब शिकायत नहीं मिली है तो समन कैसे जारी किया गया है.

छात्राओं के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि आरोपी प्रोफेसर के परिसर में आने से साक्ष्यों के नष्ट होने या छात्राओं से फिर छेड़छाड़ की आशंका है.

बता दें कि छात्राओं से छेड़छाड़ करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने जौहरी के खिलाफ 8 मुकदमे दर्ज किए हुए हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था, लेकिन कुछ ही घंटों के बाद उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

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