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JNU: कुल्‍हाड़ी से जख्‍मी हुई लड़की का एक ऑपरेशन हुआ, हालत नाजुक

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में बुधवार को थर्ड ईयर की छात्रा पर कुल्‍हाड़ी से हमले वाले मामले में लड़की हालत अब भी नाजुक है. जेएनयू छात्र संघ के अध्‍यक्ष लेनिन ने बताया कि अभी लड़की का एक ऑपरेशन पूरा हो गया है. डॉक्‍टर दूसरी ऑपरेशन की तैयारी में है. उसे 48 घंटे सघन निगरानी में रखा गया है, उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. हम आपको बता रहे हैं जेएनयू के स्टूडेंट्स से बात करके, कैसे क्या हुआ...

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इसी स्कूल ऑफ लैंग्वेज में हुआ मर्डर
इसी स्कूल ऑफ लैंग्वेज में हुआ मर्डर

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में बुधवार को थर्ड ईयर की छात्रा पर कुल्‍हाड़ी से हमले वाले मामले में लड़की हालत अब भी नाजुक है. जेएनयू छात्र संघ के अध्‍यक्ष लेनिन ने बताया कि अभी लड़की का एक ऑपरेशन पूरा हो गया है. डॉक्‍टर दूसरी ऑपरेशन की तैयारी में है. उसे 48 घंटे सघन निगरानी में रखा गया है, उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है.

जेएनयू में बुधवार सुबह एक बीए थर्ड ईयर के स्टूडेंट ने अपनी दोस्त और क्लासमेट को क्लासरूम में घुसकर कुल्हाड़ी मार दी. फिर उसने खुद भी जहर खा लिया. लड़का एम्स में इलाज के दौरान मर गया. हम आपको बता रहे हैं जेएनयू के स्टूडेंट्स से बात करके, कैसे क्या हुआ...

दो साल से पक्के दोस्त थे दोनों

आकाश और रोशनी जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज में कोरियन भाषा के स्टूडेंट थे. दोनों बीए थर्ड ईयर में पढ़ते थे. आकाश पटना का रहने वाला था और रोशनी गया से है. पिछले दो सालों से दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. आकाश झेलम हॉस्टल में था, तो रोशनी नए बने शिप्रा हॉस्टल में. सब कुछ ठीक चल रहा था, मगर फिर अचानक इस सेमेस्टर की शुरुआत में, जो कुछ ही हफ्तों पहले की बात है, चीजें गड़बड़ होने लगीं.

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यहां दो वर्जन सामने आते हैं. कुछ स्टूडेंट्स के मुताबिक आकाश और रोशनी का अफेयर चल रहा था. पिछले दिनों ब्रेक अप हो गया था. इसके चलते आकाश अपसेट रहता था. वहीं दूसरा वर्जन ये है कि दोनों में दोस्ती थी, मगर अफेयर जैसा कुछ नहीं था. लेकिन पिछले दिनों आकाश ने रोशनी को प्रपोज किया, जिसे रोशनी ने ठुकरा दिया. इसके बाद ही आकाश आक्रामक हो उठा.

कट्टा लहराकर क्लासमेट्स को बाहर निकाला

अब फास्ट फॉरवर्ड कर आते हैं बुधवार की सुबह यानी आज. रोजाना की तरह जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज यानी एसएल के बाहर सीढ़ियों पर भीड़ थी. अंदर बेसमेंट में बनी कैंटीन में सबसे ज्यादा चहल पहल थी और बाकी हर फ्लोर के कॉरिडोर पर इक्का दुक्का स्टूडेंट नजर आ रहे थे. सेमेस्टर की शुरुआत थी और नए एडमिशन वाले ज्यादा दिख रहे थे. कोरियन थर्ड ईयर के कुछ स्टूडेंट्स सेकंड फ्लोर पर रूम नंबर 203 की अपनी क्लास में बैठे प्रोफेसर का वेट कर रहे थे. तभी आकाश वहां पहुंचा. उसके हाथ में कुल्हाड़ी थी, कमर में कट्टा और एक चाकू भी.

स्टूडेंट्स की मानें तो आकाश कुछ नशे में लग रहा था.क्लास में घुसते ही उसने सब स्टूडेंट्स को कट्टा लहराते हुए फौरन बाहर निकलने को कहा. जैसे ही स्टूडेंट्स बाहर आए आकाश रोशनी की तरफ झपटा और उस पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया.रोशनी चीखते हुए डेस्क पर गिर गई, तो आकाश ने उसकी पीठ पर चाकू भी मारा गया. तब तक रूम के बाहर स्टूडेंट्स की भीड़ लग गई थी. आकाश ने रोशनी पर हमला करने के बाद जेब से जहर निकाला और खा लिया. उसके बाद वह अपनी गर्दन पर चाकू रखकर स्टूडेंट्स को पीछे हटने के लिए धमकाने लगा. तभी कुछ स्टूडेंट्स आगे बढ़े और उसे कब्जे में कर लिया. तब तक मौके पर पुलिस भी पहुंच चुकी थी.

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लड़का चाकू से नहीं जहर से मरा. लड़की की हालत नाजुक

पुलिस ने दोनों स्टूडेंट्स को एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया और आगे की तफ्तीश में लग गई. एम्स में आकाश की जांच करने वाले डॉक्टर ने बताया कि गर्दन पर जो चोट थी, वो ज्यादा गहरी नहीं थी. पेट में जो जहर था, उसके चलते ही 1.15 पर लड़के की मौत हो गई.जब आकाश को अस्पताल लाया गया, तभी उसका बीपी बहुत नीचे जा चुका था और सांस भी कमोबेश थम गई थी.

उधर लड़की को गहरा घाव है और अब जिंदगी की जंग लड़ रही है.कैंपस के स्टूडेंट लीडर कह रहे हैं कि लड़की की 2 बजे ही मौत हो गई है.लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर कोई भी पुष्टि नहीं हुई है. स्कूल ऑफ लैंग्वेज में क्लास सस्पेंड कर दी गई हैं और पुलिस कोरियन के प्रोफेसर और स्टूडेंट से पूछताछ में लगी है. पूरे कैंपस में फुसफुसाहटें और सन्नाटा है. इसकी वजह है ये हादसा और यहां का माहौल. जेएनयू हमेशा अपने आंदोलनों, तेवरों और पढ़ाई के, बहस के ऊंचे स्तर को लेकर चर्चा में रहा है. मगर पिछले साल एक हॉस्टल में बना एमएमएस और अब ये आत्महत्या और लड़की पर हत्या का मामला. चर्चा फिर है, मगर मुद्दा बदल गया है.

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आज बीए के नए बच्चे ले रहे थे एडमिशन

सवाल जेएनयू के उस जायज दावे पर भी लग गया है, जो अपने आपको गर्ल्स की सुरक्षा के लिहाज से सबसे सुरक्षित और संवेदनशील कैंपस मानता है.इसी समझ, विरासत और संस्कृति के दम पर इस यूनिवर्सिटी के लीडर्स ने दिल्ली गैंग रेप के बाद हुए आंदोलनों का नेतृत्व किया था. मगर फिलहाल जरूरत कैंपस का ही माहौल दुरुस्त करने की और नए सिरे से काउंसलिंग सेशन शुरू करने की लग रही है.

दहशत में वे बच्चे भी हैं जो अपने पैरंट्स के साथ इसी एकेडमिक सेशन में इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने पहुंचे हैं.आज बीए के बच्चों के एडमिशन का आखिरी दिन था.मगर ये दिन जेएनयू के शानदार इतिहास का काला दिन बन गया है अब.

 

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