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गेस्ट टीचरों भर्ती मामला: HC ने मांगे दिल्ली सरकार-LG की बातचीत के दस्तावेज

दिल्ली सरकार के इस यू-टर्न के बाद हाईकोर्ट ने अब तक उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच हुई बातचीत के सारे दस्तावेज मंगा लिए हैं.

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हाईकोर्ट
हाईकोर्ट

गेस्ट टीचरों की भर्ती संबंधी मामले में हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि नियमित टीचर्स की भर्ती का फैसला दिल्ली सरकार को नहीं बल्कि उपराज्यपाल को लेना है. आखिरी फैसला उन्हीं का होगा लिहाजा दिल्ली सरकार उपराज्यपाल के फैसले का इंतजार कर रही है.

दिल्ली सरकार के इस यू-टर्न के बाद हाईकोर्ट ने अब तक उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच हुई बातचीत के सारे दस्तावेज मंगा लिए हैं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि वह यह बताएं कि नियमित टीचरों को लेकर उनकी और उपराज्यपाल के बीच बातचीत अब तक कहां तक पहुंच पाई है और इसको लेकर फाइल्स में एक दूसरे को क्या बताया गया है.

हाईकोर्ट दो दिन के बाद इस मामले में दोबारा सुनवाई करने जा रहा है क्योंकि गेस्ट टीचरों की नियुक्ति को लेकर तो दिल्ली सरकार गंभीर है लेकिन नियमित टीचरों की भर्ती पर सरकार का रुख गोलमोल ही है.

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एनजीओ सोशल ज्यूरिस्ट की तरफ से लागई गई अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद सालों से शिक्षकों के खाली पदों को सरकार नहीं भर रही है. डीडीएसएसबी ने पहले 8914 नियमित शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया लेकिन फिर उसे वापस ले लिया ऐसे में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

हाइकोर्ट का सरकार से सवाल है कि जब उसने गेस्ट टीचरों के लिए भर्तियां निकाली तो नियमित शिक्षकों के लिए भर्ती क्यों नहीं की. हाईकोर्ट ने कहा कि नियमित शिक्षकों के पद सालों से खाली पड़े हैं ऐसे में सरकार सिर्फ गेस्ट टीचरों के लिए ही भर्ती क्यों निकाल रही है? इसके अलावा कोर्ट ने सरकारी स्कूलों के लिए डीएसएसबी द्वारा निकाली गई 8914 नियमित शिक्षकों की भर्ती के बारे में भी सरकार को स्थिति साफ करने को कहा है.

इससे पहले हाईकोर्ट दिल्ली सरकार की उस मांग को खारिज कर चुकी है जिसमें 8 हजार नए गेस्ट टीचर नियुक्ति की इजाजत मांगी गई थी. कोर्ट ने कहा कि हम तब तक सरकार को नए गेस्ट टीचर नियुक्ति की इजाजत नहीं दे सकते जब तक नियमित टीचरों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं कर देती है. सरकार ने कोर्ट द्वारा गेस्ट टीचरों को नियमित करने और नई नियुक्ति पर रोक लगाने संबंधी अपने 27 सितंबर के आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की थी.

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सरकार का तर्क है कि उन्होंने शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सालों से बच्चों को पढ़ाते आ रहे गेट टीचरों को नियमित करने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित किया जो कि अभी तक उपराज्यपाल के पास लंबित है. ऐसे में उसे 8 हजार गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति की इजाजत दी जाए.

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