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Delhi Metro Skywalk: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से अब सीधे मेट्रो तक पहुंचना आसान, DMRC ने बनाया खास स्काईवॉक

Delhi Metro Railway Skywalk: दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने येलो और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन के बीच कनेक्टिविटी के लिए उत्तर रेलवे के सहयोग से स्काईवॉक (Skywalk) बनाया गया है जो जल्द ही जनता के लिए खुल जाएगा.

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DMRC Northern Railway Skywalk
DMRC Northern Railway Skywalk
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली स्टेशन और मेट्रो के बीच बना स्काईवॉक
  • DMRC ने बनाया करीब 242 मीटर लंबा स्काईवॉक

Delhi Metro Skywalk: मेट्रो स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए यात्रियों को अपने भारी समान के साथ लंबा रास्ता तय करना पड़ता है. ऐसे में दिल्ली मेट्रो रेलवे कारपोरेशन (DMRC) ने येलो लाइन पर स्थित नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन और रेलवे स्टेशन के बीच अजमेरी गेट की तरफ एक स्काईवॉक (Metro Skywalk) बनया है. इस स्काईवॉक का काम लगभग पूरा हो गया है और यह जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा. 

डीएमआरसी ने अपने बयान में कहा, " येलो और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन के बीच कनेक्टिविटी के लिए डीएमआरसी ने उत्तर रेलवे के सहयोग से स्काईवॉक बनाया गया है जो जल्द ही जनता के लिए खुल जाएगा."  मेट्रो के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने गुरुवार को स्काईवॉक का निरीक्षण किया. यह स्काईवॉक रेलवे स्टेशन के अंदरुनी फुटओवर ब्रिज से जुड़ा हुआ है. इसकी मदद से आप नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से 16 तक जा सकते हैं.

यह स्काईवॉक करीब 242 मीटर लंबा है, इस पर आने-जाने के लिए छह एस्केलेटर लगाए गए हैं. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह नवनिर्मित स्काईवॉक रेलवे स्टेशन के अंदर फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) का विस्तार है.  इससे अजमेरी गेट, भवभुति मार्ग पर ट्रैफिक संचालक निर्बाध गति से चलाने में मदद मिलेगी. 

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स्काईवॉक में सीसीटीवी निगरानी कैमरे और शौचालय जैसी सुविधाओं हैं.  इसके अलावा टिकटिंग काउंटर, साइनेज और एक डीएमएक्स कंट्रोल लाइट भी है.  खूबसूरती से डिजाइन किए गए स्काईवॉक में आगरा स्टोन क्लैडिंग सहित जंतर मंतर की याद ताजा करने वाले एस्केलेटर और सीढ़ियां हैं.  मुख्य पुल और प्रवेश/निकास, एस्केलेटर और भूमिगत लाइन की शाखाएं लगभग 242 मीटर लंबी हैं. 

बता दें यह प्रोजेक्ट साल 2019 में शुरू किया गया था. स्काईवॉक का काम 9 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य था लेकिन सर्दी के मौसम में प्रदूषण के चलते काम रुकने और फिर कोरोना की वजह से प्रोजेक्ट पर असर पड़ा.

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