
दिवाली की खुशियों भरी रात के बाद सुबह का जो नजारा देखने को मिला, उससे दिल्ली-एनसीआर के लोग जरा भी खुश नहीं हुए होंगे. आसमान को धुंध की चादर ने ढक दिया है और प्रदूषण रिकॉर्डतोड़ स्तर पर है. कई लोग जब सुबह उठे तो उनके गले में जलन थी और आंखों से पानी आ रहा था. दरअसल, दिल्ली में पटाखों पर बैन था, बावजूद इसके पटाखे छूटे. अब घर हो या बाहर हर जगह दमघोंटू माहौल है. एक्सपर्ट मानते हैं कि अभी कुछ दिन दिल्ली की हवा ऐसे ही दम फुलाएगी.
दिल्ली-NCR में हाल इतने बुरे थे कि जो 2.5 का पलूशन मीटर (PM) आमतौर पर 250-300 के आसपास रहता है वह गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक 999 पर था. इस दौरान की हवा को बिल्कुल जहराली मान लीजिए. अभी एक दो दिन और इससे राहत मिलने वाली नहीं है.
सरकारी डेटा के मुताबिक, गुरुवार तक पराली और कूड़े जलने से होने वाले धुएं की प्रदूषण में हिस्सेदारी 30 फीसदी तक थी. अब दिवाली को पटाखे जले, इससे प्रदूषण में इजाफा हो गया. अब जब शनिवार या रविवार शाम के बाद हवाओं की रफ्तार तेज होगी तब प्रदूषक विशेष रूप से कण पदार्थ (पीएम2.5 और पीएम10) इधर उधर फैल जाएंगे, जिससे कुछ राहत की उम्मीद है.
पराली बढ़ाएगी दिल्ली की परेशानी
पटाखों के बाद पराली दिल्ली की परेशानी और ज्यादा बढ़ा देगी. SAFAR की भविष्यवाणी के मुताबिक, दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 5 नवंबर को 35 फीसदी, फिर 6 नवंबर को 40 फीसदी तक हो जाएगी. फिर 7 नवंबर से इसमें कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. लेकिन दिल्ली की हवा तब भी बेहद खराब बनी रहेगी.

डॉक्टर्स-एक्सपर्ट्स यही सलाह दे रहे हैं कि घरों से बाहर हो सकें तो ना निकलें. अगर कोई जरूरी काम नहीं है तो खासकर बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर बिल्कुल ना जाएं.
एक्सपर्ट बोले - सिर्फ पटाखों पर पाबंदी से नहीं चलेगा काम
दिल्ली की हवा का इतना बुरा हाल होने के पीछे बड़ी हिस्सेदारी पटाखों की भी है, क्योंकि दिवाली की रात को लोगों ने जमकर पटाखे चलाए. एक्सपर्ट मानते हैं कि पटाखों पर बैन को कारगर तरीके से लागू नहीं हो पाया. पर्यावरणविद् सुनील दहिया ने कहा कि सिर्फ पटाखों पर पाबंदी से ही प्रदूषण पर नियंत्रण संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए समग्र ढंग से काम करना होगा. दहिया बोले कि सर्दियों में वातावरण आमतौर पर शुष्क होता है. इससे धूल के कण उड़ते हैं जिससे पीएम लेवल बढ़ता है.

प्रदूषण पर लगाम के लिए वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, बायोमास, लैंडफिल में जलाए जाने वाले कूड़े के लिए कोई सख्त प्लान बनाना होगा. दहिया मानते हैं कि इस सब के लिए आम जनता की भागीदारी सबसे बड़ी चीज है क्योंकि भारत जनसंख्या के लिहाज से दूसरे नंबर का देश है, जहां लोगों के प्रयासों के बिना कुछ संभव नहीं है.
पटाखों पर राजनीति जारी
दिल्ली में बढ़े प्रदूषण पर राजनीति भी हो रही है. इसमें सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि उसके बढ़ावे पर लोगों ने पटाखे जलाए. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. इसके पीछे दो कारण है. एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं. 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं. बीजेपी नेताओं के भड़काने पर कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI स्तर बढ़ा है.