दिल्ली में बारिश और तेज हवा होने के बावजूद प्रदूषण लेवल घटने के बजाय बढ़ गया. प्रदूषण की खतरनाक स्थिति ने कई सारे पर्यावरण वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है. पर्यावरण वैज्ञानिकों को भी इस बात की सही वजह समझ में नहीं आ रही.
कुछ पर्यावरण वैज्ञानिकों का कहना है कि क्योंकि बिल्कुल हल्की बारिश हुई है और इतनी बारिश प्रदूषण हटाने के लिए काफी नहीं है, बल्कि इसकी वजह से प्रदूषण के कण ह्यूमिडिटी बढ़ने पर और ज्यादा कंसंट्रेटेड हो गए हैं.
पर्यावरण वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हवा के डायरेक्शन की वजह से है, क्योंकि हवा हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों की तरफ से दिल्ली की तरफ आ रही है तो शायद उसमें पराली का धुंआ और ज्यादा लाया है.
हालत ये है कि प्रदूषण कल की तुलना में रात और आज सुबह बहुत बढ़ गया और इसलिए विजिबिलिटी भी बहुत कम हो गई है. पर्यावरविद् मानते है कि सोमवार से स्थिति बेहतर हो सकती है. रविवार को दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 के पार पहुंच गया.
#Delhi में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. स्मॉग ने पूरी दिल्ली को घेर लिया है. देखिए दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से प्रदूषण पर हमारे संवाददाताओं की रिपोर्ट.#DelhiAirEmergency #ReporterDiary
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— आज तक (@aajtak) November 3, 2019
दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद की हवा भी जहरीली बनी हुई है. बताया जा रहा है कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के सीमाई इलाकों में पराली जलाए जाने से दिल्ली की आबो-हवा में जहर घुल रहा है.
उधऱ लगातार खराब होती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए EPCA ने हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. सभी स्कूल 5 नवंबर तक बंद हैं तो वहीं निर्माण गतिविधियों पर भी पाबंदी लगाई गई है, लेकिन बावजूद इसका असर होता नहीं दिख रहा है. दमघोंटू हवा ने दिल्लीवासियों को परेशान कर दिया है.