हाईकोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर वासियों को बड़ी राहत देते हुए शनिवार से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के हजारों कर्मचारियों के अपनी मांगों के कारण हड़ताल पर जाने से रोक लगा दी है. दोनों पक्षों की ओर से बातचीत नाकाम होने के बाद मेट्रोकर्मी आधी रात से हड़ताल पर जाने वाले थे.
डीएमआरसी और कर्मचारियों के बीच शुक्रवार को बातचीत नाकाम होने के बाद करीब 9,000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारी शनिवार से हड़ताल पर चले जाने का खतरा मंडराने लगा था, हड़ताल होने की सूरत में मेट्रो सेवाएं बंद हो जाती और लाखों लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता.
HC ने औचित्य पर सवाल उठाए
दिल्ली हाईकोर्ट ने हड़ताल के औचित्य पर सवाल उठाया. जस्टिस विपिन सांघी ने त्वरित सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या मेट्रो कर्मचारियों की प्रस्तावित कार्रवाई उचित या कानूनी प्रतीत नहीं होती. डीएमआरसी जनसुविधा के तहत रोजाना करीब 25 लाख यात्रियों को सेवा मुहैया कराती है. इसके लिए उसे पर्याप्त नोटिस नहीं दिया गया और समझौता प्रक्रिया अब भी जारी है.
दूसरी ओर, हड़ताल को देखते हुए डीएमआरसी ने त्वरित याचिका दायर की जिसे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया. उन्होंने इसे सुनवाई के लिए जस्टिस सांघी के पास भेज दिया. जस्टिस सांघी ने अपने 5 पन्ने के आदेश में कहा, 'मैं आवेदन की मांग के मुताबिक अंतरिम राहत देने के लिए इच्छुक हूं. इसी मुताबिक प्रतिवादियों (कर्मचारियों) को 30 जून को या मामले में अगले आदेश तक हड़ताल पर जाने से रोका जाता है.' हड़ताल पर कोर्ट अगली सुनवाई 6 जुलाई को करेगा.
इससे पहले मेट्रो के नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी जैसी कई मांगें पूरी नहीं जाने की सूरत में 30 जून से हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी.
डीएमआरसी में लगभग 12,000 लोग कार्यरत है जिनमें लगभग 9 हजार गैर-कार्यकारी कर्मचारी हैं. डीएमआरसी के कुछ गैर-कार्यकारी कर्मचारी अपनी आठ सूत्री मांगों के समर्थन में 19 जून से यमुना बैंक और शाहदरा समेत कुछ मेट्रो स्टेशनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
CM केजरीवाल का ट्वीट
दिल्ली में मेट्रोकर्मियों की संभावित हड़ताल को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, 'मेट्रोकर्मियों की सभी उचित मांगें पूरी की जानी चाहिए, हड़ताल से लाखों लोगों को असुविधा होगी. हड़ताल नहीं होनी चाहिए. मैं कर्मचारियों से अनुरोध करता हूं कि वे हड़ताल न करें.'
Whereas all genuine demands of Metro employees shud be met, strike wud cause inconvenience to lakhs of people. Strike shud not take place. Whereas govt imposing ESMA as last resort, I wud urge employees to not resort to strike. https://t.co/kbWtkUZvCL
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 29, 2018
इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ट्वीट कर संभावित हड़ताल को देखते हर जरूरी इंतजाम करने की बात कही. जरुरत पड़ने पर एस्मा लगाने की बात भी कही. साथ ही यह भी बताया कि कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए मेट्रो के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है. एस्मा लगाने संबंधी फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दी गई है.
Have called an urgent meeting of Metro officers to discuss the demands of employees.. Also file related to ESMA being sent for concurrence of Hon LG.
— Manish Sisodia (@msisodia) June 29, 2018
मंत्री बोले-विवाद सुलझाए डीएमआरसी
आधी रात से शुरू होने वाले हड़ताल को देखते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के मांगों का तुरंत समाधान निकाला जाए.
गहलोत ने मैनेजिंग डायरेक्टर को लिखे पत्र में कहा, 'विवाद को जल्द से जल्द सुलझाया जाए जिससे मेट्रो की सेवाएं बाधित न हों. अगर मेट्रो की सेवाएं बाधित होती हैं तो लाखों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.'
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आगे के घटनाक्रम को लेकर उन्हें लगातार अवगत कराया जाए. डीएमआरसी को किसी भी हद तक जाकर पूरे विवाद को खत्म कराया जाना चाहिए. समस्या से समाधान के लिए वह हमेशा उपलब्ध रहेंगे.
पहले से जारी था आंशिक धरना
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी ) के गैर कार्यकारी कर्मचारी बांह पर काली पट्टी बांधे हुए विभिन्न मेट्रो स्टेशनों पर आंशिक रूप से धरना दे रहे थे. इनमें ट्रेन ऑपरेटर, स्टेशन कंट्रोलर, टेक्निशियन, ऑपरेटिंग स्टाफ, मेन्टेनेंस स्टाफ आदि शामिल हैं.
ये सभी कर्मचारी दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यमुना बैंक, द्वारका, बदरपुर, मुंडका, कुतुबमीनार, विश्वविद्यालय, जहांगीरपुरी, शाहदरा, ओखला एनएसआईसी और पंजाबी बाग वेस्ट स्टेशन पर कर्मचारियों को ऐसे प्रदर्शन करते देखा जा सकता है.

पिछले साल भी दी थी हड़ताल की धमकी
इसके पहले पिछले साल भी जुलाई में इसी तरह से मेट्रो कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी थी, लेकिन डीएमआरसी प्रबंधन ने लगातार कई बैठकें कर समझौता किया और दिल्ली-एनसीआर वासियों को संकट से बचा लिया था.
अब कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल जुलाई में प्रबंधन ने जो वादे किए थे, उसे पूरा नहीं किया गया. उनकी मांगें पहले जैसी ही हैं. इन कर्मचारियों की मांगों में वेतन एवं पे ग्रेड में संशोधन, एरियर का भुगतान, किसी कर्मचारी को निकालने के बारे में एक गाइडलाइन बनाना आदि शामिल है.
डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव महावीर प्रसाद के अनुसार, 'लोग पिछले दस साल से एक ही पे ग्रेड में पड़े हैं, जबकि पहले हर पांच साल में प्रमोशन होता था.' उन्होंने बताया कि प्रबंधन ने यह वादा किया था कि 13,500-25,520 ग्रेड का 14,000-26,950 ग्रेड के साथ विलय किया जाएगा, लेकिन यह नहीं हुआ.
यूनियन की ओर ने चेतावनी दी गई थी है कि अभी तक के विरोध प्रदर्शन से सेवा में किसी तरह की बाधा नहीं है, लेकिन 29 जून तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो 30 जून से पूरी तरह से कामकाज बंद हो जाएगा.