दिल्ली में प्रदूषण के चलते कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी बंद हुई तो निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया. दिल्ली सरकार ने हवा की गुणवत्ता में सुधार का हवाला देते हुए निर्माण गतिविधियों से रोक हटाई. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का फैसला उलट दिया और निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी.
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही सरकार को ये आदेश भी दिया था कि निर्माण श्रमिकों को मुआवजा दिया जाए. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल भी शुरू कर दिया है. दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों के खातों में मुआवजा राशि भेजना शुरू कर दिया है. दिल्ली सरकार के मुताबिक शनिवार को 2 लाख 95 हजार निर्माण श्रमिकों के बैंक खाते में 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि भेज दी गई है. दिल्ली सरकार की ओर से दावा किया गया है कि अन्य श्रमिकों के खाते में भी अगले दो दिन में मुआवजे की रकम भेज दी जाएगी.
350 करोड़ रुपये जारी
दिल्ली सरकार के मुताबिक यहां तकरीबन छह लाख रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिक हैं जबकि एक लाख निर्माण श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन अभी प्रक्रिया में है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि ये सभी 7 लाख निर्माण श्रमिक मुआवजे के हकदार हैं. दिल्ली सरकार ने इसके लिए 350 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
सरकार करेगी हर संभव मदद करेगी
दिल्ली सरकार की ओर से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने निर्माण श्रमिकों की हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि श्रमिक देश की रीढ़ की हड्डी हैं जो देश को मजबूत करते हैं. मजदूर खड़े हैं तो हमारी इमारतें खड़ी हैं, शहर खड़े हैं. मनीष सिसोदिया ने कहा कि श्रमिकों के सम्मान और हितों का ध्यान रखना हमारी सरकार की मुख्य प्राथमिकता है. दिल्ली में बेशक निर्माण गतिविधियों पर रोक लगी है लेकिन श्रमिक भाई-बहनों के घरों में चूल्हे जलते रहेंगे.