दिल्ली हाई कोर्ट ने आज मंगलवार को अनाज मंडी में लगी आग को लेकर लगाई गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर इस याचिका को अभी सुना जाता है तो यह बहुत जल्दबाजी होगी. परसों ही यह दुर्घटना हुई है, लिहाजा पुलिस को इस मामले में अभी जांच पूरी करने की जरूरत है.
हाई कोर्ट ने आगे कहा कि अगर जांच में कोई खामी रहती है तो याचिकाकर्ता दोबारा कोर्ट में याचिका लगा सकता है. इस मामले में याचिकाकर्ता ने सीबीआई जांच की मांग की थी.
रविवार को लगी थी आग
वरिष्ठ वकील अवध कौशिक की तरफ से दिल्ली के अनाज मंडी में रविवार को लगी आग से 43 लोगों की मौत के मामले में हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी.
इस जनहित याचिका के जरिए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी. कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस के बजाए न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए.
याचिका में यह भी कहा गया कि ना सिर्फ इस बिल्डिंग का निर्माण अवैध था बल्कि जिस तरह से इस बिल्डिंग में प्लास्टिक पैकिंग को बनाने का काम हो रहा था, वो पूरी तरह से ना सिर्फ गैरकानूनी था बल्कि उसके लिए ना तो किसी तरह का कोई लाइसेंस लिया गया ना ही इसका कोई रजिस्ट्रेशन कराया गया. फैक्ट्री को चलाने के लिए ना तो कोई सर्टिफिकेट लिया गया और ना ही यहां पर फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम थे.
अब तक कितनी गिरफ्तारी
इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने कल सोमवार को अनाज मंडी में लगी आग के मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश किए गए दो आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. पुलिस ने इस मामले में मकान मालिक रेहान और उसके यहां मैनेजर के तौर पर काम करने वाले फुरकान को 8 दिसंबर को ही गिरफ्तार कर लिया था.
बताया जा रहा है कि इस इमारत को मकान मालिकों ने किराए पर दिया और जिनको किराए पर दिया उन्होंने आगे करीब 20 और ठेकेदारों को इस इमारत को किराए पर चढ़ाने के लिए दे दिया. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चार मंजिला इमारत से जुड़े लोगों की चेन कितनी लंबी है.