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दिल्ली की CM आतिशी ने बढ़ाया श्रमिकों का न्यूनतम वेतन, जानें कितनी बढ़ी सैलरी

आतिशी ने कहा, 'अगर आप भाजपा शासित राज्यों पर नजर डालें, तो वहां न्यूनतम वेतन शायद दिल्ली की तुलना में आधा है. बीजेपी न सिर्फ अपने राज्यों में कम वेतन देती है बल्कि दिल्ली में भी इसे रोकने की पूरी कोशिश करती है. हम न्यूनतम वेतन बढ़ा रहे हैं.'

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दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (फाइल फोटो)
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (फाइल फोटो)

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली के श्रमिकों के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने अलग-अलग श्रेणियों में श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की है. दिल्ली सीएम के आदेश के अनुसार अब अकुशल (unskilled) के लिए न्यूनतम वेतन 18,066 रुपये, अर्ध-कुशल (semi-skilled) के लिए 19,929 रुपये और कुशल (skilled) श्रमिकों के लिए 21,917 रुपये होगा.

आतिशी ने कहा, 'देश भर में न्यूनतम वेतन पर नजर डालें तो अरविंद केजरीवाल की सरकार ने देश में सबसे ज्यादा न्यूनतम वेतन दिया है. गरीब लोगों का शोषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार न्यूनतम वेतन को एक ऐतिहासिक स्तर पर लेकर गई है.' 

आतिशी ने बीजेपी पर साधा निशाना

उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने हमेशा गरीबों के खिलाफ काम किया है और इसे हम दो तरह से देख सकते हैं. पहली बार जब अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 2016-2017 में न्यूनतम वेतन बढ़ाने की बात की, तो बीजेपी ने हमें रोक दिया, जिसके बाद दिल्ली सरकार न्यूनतम वेतन बढ़ाने के लिए कोर्ट से आदेश लेकर आई. बीजेपी ने इसका पुरजोर विरोध किया लेकिन अरविंद केजरीवाल की सरकार ने लड़ाई लड़ी और दिल्ली के आम लोगों के हित में फैसला लेकर आई.'

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आतिशी ने कहा, 'अगर आप भाजपा शासित राज्यों पर नजर डालें, तो वहां न्यूनतम वेतन शायद दिल्ली की तुलना में आधा है. बीजेपी न सिर्फ अपने राज्यों में कम वेतन देती है बल्कि दिल्ली में भी इसे रोकने की पूरी कोशिश करती है. हम न्यूनतम वेतन बढ़ा रहे हैं.'

लागू हो सकती है मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना

इससे पहले मंगलवार को अधिकारियों ने बताया था कि दिल्ली की AAP सरकार हरियाणा में चुनाव के बाद राष्ट्रीय राजधानी में अपनी महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का लागू कर सकती है. क्योंकि इस योजना की कागजी कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है और इसे 'बहुत जल्द' होने वाली आतिशी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में पेश किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि योजना का प्रस्ताव वित्त, कानून और राजस्व समेत संबंधित विभागों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा जाना है, जिसके बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद योजना को दिल्ली के उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

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