दिल्ली सरकार ने दो साल में किए अपने कामों का बखान किया, तो बीजेपी भी रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में पीछे नहीं रही. बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी मंगलवार को केजरीवाल का रिपोर्ट कार्ड लेकर सामने आए, तो केजरीवाल को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. दिल्ली बीजेपी के रिपोर्ट कार्ड में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को दस में से माइनस तीन नंबर दिए गए हैं. बीजेपी इसकी वजह भी बता रही है, क्यों दिल्ली सरकार का रिपोर्ट कार्ड माइनस मार्किंग में चला गया.
दिल्ली सरकार ने अपने मंत्रियों से अलग-अलग रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाया है, जिसमें सरकार की उपलब्धियों का बखान किया गया है. दो साल में अपनी सरकार को बेमिसाल बताने के लिए केजरीवाल के फोटो के साथ अखबारों में विज्ञापन भी छपवाए गए हैं. दिल्ली में बिजली-पानी से लेकर शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में शुरू की गई योजनाओं को सरकार ने उपलब्धियों के तौर पर गिनाया है, लेकिन बीजेपी ने 'दो साल में दिल्ली बेहाल' का नारा दिया है. बीजेपी ने सरकार की उपलब्धियों को नकारते हुए अपनी तरफ से सिलसिलेवार रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाया है.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा कि सरकार को जो करना चाहिए था, उसने वो भी नहीं किया. जो सरकार के रोजमर्रा के काम हैं, सरकार वो भी ठीक से नहीं कर पाई, बल्कि सरकारी व्यवस्था और चौपट हो गई है. ऐसे में सरकार का सामान्य कामकाज भी शून्य रहा है. इसीलिए दस में से उन्हें किसी भी तरह से कोई नंबर नहीं दिए जा सकते. बल्कि दो साल के दौरान सरकार ने ऐसे काम किए, जिससे न सिर्फ दिल्ली का नुकसान हुआ, बल्कि दिल्ली वालों के साथ धोखा भी हुआ.
मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदार सरकार का वादा करके सत्ता में आए थे, लेकिन दो साल में तीन मंत्रियों को इन्हें कैबिनेट से हटाना पड़ा. वह भी भ्रष्टाचार और फर्जीवाडे के मामले में. यही नहीं राजनीतिक शुचिता का दावा करने वाली पार्टी के मंत्री राशनकार्ड के नाम पर महिलाओं के शोषण के आरोपों में घिरे और जेल भी गए. कई विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हुए. ऐसे में केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से धोखा किया.
तिवारी ने कहा कि 70 पाइंट वाले घोषणा पत्र में से कोई भी वादा केजरीवाल पूरा नहीं कर पाए, बल्कि जो वक्त दिल्ली की जनता की सेवा में लगाना चाहिए था, उसे उन्होंने टकराव और झगड़े में गंवा दिया. दिल्लीवालों के पैसे को अपने राजनीतिक प्रचार के लिए खर्च किया. ऐसे में केजरीवाल सरकार का रिपोर्ट कार्ड माइनस में नंबर का ही हकदार है.