मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तेलंगाना और मिजोरम में कब चुनाव होंगे इसकी घोषणा चुनाव आयोग 8 से 10 अक्टूबर के बीच कभी भी कर सकता है. वहीं दिल्ली में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की हालिया मुलाकात को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन की आने वाली रणनीति पर चर्चा हुई तो शरद पवार ने पिछले दिनों राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर कांग्रेस और AAP के गठबंधन की चर्चा को भी हवा दे दी है.
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर आगामी चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होने जा रहा है या नहीं? सीटों का फॉर्मूला क्या होगा? फॉर्मूला 4-3 या 3 -4 का रहेगा? या फिर कोई और रणनीति अपनाई जाएगी? इससे पहले आपको जानना जरूरी है कि साल 2019 के चुनाव में दिल्ली की 7 में से 5 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही और आम आदमी पार्टी को तीसरे नंबर पर कर दिया. चांदनी चौक, नॉर्थ ईस्ट, दिल्ली ईस्ट, न्यू दिल्ली और वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही. हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी.
एलायंस बनने से बीजेपी में डर आ चुका है!
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने बताया कि “सीट शेयरिंग का फॉर्मूला हाईकमान तय करेगा. दिल्ली यूनिट ने अपनी राय आलाकमान को दे दी." हालांकि उन्होंने दिल्ली यूनिट की राय को हमसे साझा नहीं किया.
लवली ने कहा की कि देश हित में पार्टी आलाकमान जो फैसला लेगा दिल्ली यूनिट उसके साथ है. फिलहाल जिस स्तर पर यह निर्णय होना है उसमें दिल्ली यूनिट की भागीदारी नहीं है. जैसे ही पूछा जाएगा हम बताएंगे और मुझे उम्मीद है कि जब भी निर्णय होगा दिल्ली के लीडर्स को बुलाकर ही किया जाएगा. I.N.D.I.A गठबंधन बनने से बीजेपी की बौखलाहट साफ दिख रही है. इनके अंदर डर आ चुका है तभी तो इनके लीडर अनर्गल बयान दे रहे हैं.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, बीते दिनों राहुल गांधी का एक विवादित पोस्टर बीजेपी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया. लवली मानते हैं कि पिछले कुछ सालों से दिल्ली विधानसभा में निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से बीजेपी के बाद अच्छा रहा. अब हवा बदल रही है मुझे उम्मीद है हम और अच्छा करेंगे.
4 और 3 का फॉर्मूला
वहीं कांग्रेस आलाकमान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 4 और 3 का फॉर्मूला फिट होने की कसौटी होगी. किस सीट पर आप या कांग्रेस, किस पार्टी का लीडर मजबूत स्थिति में है, जो भी उम्मीदवार जीतने में फिट बैठेगा, सर्वे के बाद ही सीट तय की जाएगी. सीट का फॉर्मूला तय होने के बाद सीटों को लेकर सर्वे होगा जो पूरी तरह से लीडर बेस्ड होगा. डीप स्टडी के बाद ही उम्मीदवार को उतारा जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक, नई दिल्ली और नॉर्थ वेस्ट की सीटों पर कांग्रेस अपनी दावेदारी ठोंक सकती है. साढे 9 साल की एंटी इनकंबेंसी और सासंदों का रिपोर्ट कार्ड सामने रखकर कांग्रेस बीजेपी को घेरेगी. पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि गठबंधन से भले ही राजनीतिक तौर पर कांग्रेस को नुकसान का डर हो, लेकिन बीजेपी की सीटों को कम करना ही कांग्रेस का लक्ष्य है.
जनवरी में रामलीला मैदान में बड़ी पब्लिक मीटिंग
अरविंदर सिंह लवली के अध्यक्ष बनते ही दिल्ली कांग्रेस फुल एक्शन में है. कांग्रेस को लगता है कि इंडिया ब्लॉक ठीक से लड़ा तो बीजेपी बहुमत में नहीं आएगी. दिल्ली कांग्रेस का प्लान है कि 12 नवंबर के बाद 3 लोकसभा सीटों पर और दीवाली के बाद बाकी 4 सीटों पर मीटिंग होगी. नवंबर के महीने में सातों सीटों की एक बड़ी सभा तो 70 विधानसभा में इनडोर वर्कर की मीटिंग होगी. इस तरह से एक महीने के अंदर पूरी दिल्ली में घूम चुके होंगे. जनवरी में एक बड़ी पब्लिक मीटिंग दिल्ली के राम लीला मैदान में होगी.