दिल्ली-एनसीआर में (AQI) 'खराब' श्रेणी में पहुंच चुका है, जिससे आम लोगों में प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. लोकल सर्कल्स के एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 36% परिवारों के एक या अधिक सदस्य वायु प्रदूषण के कारण गले में खराश, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. 27% लोगों को नाक बहने या बंद होने की समस्या है.
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इंडिया टुडे की टीम ने दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग परिवारों से बात की पूर्वी दिल्ली के कृष्ण नगर में रहने वाले जुगल अरोड़ा ने बताया कि पिछले 5 दिनों से उनके परिवार का हर सदस्य चाहे वह बच्चा हो चाहे बुजुर्ग गले की खराश से परेशान है. डॉक्टर को दिखाया तो पता चला बढ़ते प्रदूषण के कारण उनको इस तरीके की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
नोएडा के सेक्टर 40 में रहने वाले कपिल मोहन ने बताया है कि उनके घर में चार सदस्य हैं दो बच्चे और पति-पत्नी उनके छोटे बच्चों को गले में पिछले कई दिनों से खांसी है सुबह उठने के साथ ही छाती पर भारीपन लगता है, रोजाना गर्म पानी के गरारे कर रहे हैं. डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने सलाह दी कि घर के बाहर कम निकले.
इंडिया टुडे ने लोकल सर्कल जिसने यह सर्वेक्षण किया उनके फाउंडर सचिन थापरिया से बात की तो उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण 21,000 से अधिक लोगों के बीच किए गए इस सर्वे में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के लोग शामिल रहे. इस सर्वे में 61% पुरुष थे जबकि 39% महिलाएं शामिल थीं.
डॉ अनिल गोयल के मुताबिक, उनके नर्सिंग होम में पिछले कुछ दिनों से लगातार प्रदूषण के कारण खांसी जुकाम के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सीनियर कैटेगरी के कई मरीजों को तो आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है. इसके पीछे बड़ा कारण दिल्ली में प्रदूषण का लेवल अचानक से बढ़ना है.