दक्षिण दिल्ली के रिज इलाके (संरक्षित क्षेत्र) में पेड़ो की कटाई मामले में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल दोनों को फटकार लगाई है. लेकिन दोनों ओर से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. इसी बीच दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बार फिर उपराज्यपाल पर निशाना साधा है.
सौरभ भारद्वाज ने एलजी पर उठाए सवाल
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के LG के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारियों से जो सवाल पूछा है वह अफसरशाही का मजाक उड़ाता है. सौरभ भारद्वाज ने निशाना साधते हुए कहा कि एलजी विनय सक्सेना को दिल्ली में 2 साल से ज्यादा हो गया है लेकिन उन्हें आज तक यही नहीं पता है कि पेड़ काटने के लिए इजाजत चाहिए होती है. वे छोटी-छोटी बातों पर लंबी-लंबी चिट्ठियां लिखते हैं लेकिन क्या वो इतना मासूम कि उसे नहीं पता कि पेड़ काटने के लिए वृक्ष अधिकारी की अनुमति की आवश्यकता होती है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव समेत तमाम अधिकारियों से पूछा था कि क्या आपने LG को बताया था कि पेड़ काटने की इजाजत लेनी पड़ती है.
पहले जानिए क्या है पूरा मामला
यह मामला डीडीए द्वारा सैकड़ों से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ा है, जो अदालत के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है, जिसके अनुसार ऐसी कार्रवाई करने से पहले अदालत से अनुमति लेना आवश्यक है. आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल के निर्देश पर डीडीए ने दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ काटे हैं.
कोर्ट ने कहा, “हमें इस बात से परेशानी है कि हर किसी ने गलती की है. पहले दिन सभी को अदालत में आकर कहना चाहिए था कि हमसे गलती हुई है लेकिन लीपापोती चलती रही. चार-पांच आदेशों के बाद डीडीए अधिकारी के हलफनामे के रूप में सच्चाई सामने आ जाती है. गलती उपराज्यपाल के साथ-साथ सभी ने की है.”
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एलजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
शीर्ष अदालत ने मामले में उपराज्यपाल की संलिप्तता को छिपाने के प्रयासों की निंदा की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "उपराज्यपाल ने पूरी तरह से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने मान लिया कि दिल्ली सरकार के पास वृक्ष अधिकारी की शक्ति है. यह दुखद स्थिति है कि जो कुछ हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमें पहले दिन ही बता दिया जाना चाहिए था कि उपराज्यपाल ने निर्देश दिए हैं."
दिल्ली सरकार को भी लगाई थी फटकार
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि दिल्ली सरकार कितना मुआवजा देगी और कितने पेड़ लगाएगी? कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि हम यहां डीडीए और दिल्ली सरकार के बीच लड़ाई खत्म करने नहीं आए हैं. हम पर्यावरण बचाने आए हैं. रिज फॉरेस्ट एरिया के लिए सरकार द्वारा अनुमति देना अवमानना है. हम अवमानना जारी करेंगे.