सुप्रीम कोर्ट में चली दो दिनों की सुनवाई में केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को लेकर कई तरीके की आशंकाएं जताई गई हैं. कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से यह कहा गया कि दिल्ली जाने वाले तमाम रास्ते किसानों ने रोक रखे हैं जिससे आम जनजीवन पर असर पड़ रहा है. लेकिन, किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार की इस दलील को सीधे-सीधे झुठला दिया.
आजतक से खास बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बताए कि हमने कौन सा रास्ता पूरी तरह ब्लॉक कर रखा है. अगर कहीं रास्ते रोके गए हैं तो उसके साथ दिल्ली जाने के लिए कोई ना कोई रास्ता खुला रखा गया है ताकि आम लोगों को परेशानी ना हो.
कोर्ट में सरकार की तरफ से यह भी आशंका जताई गई कि अगर जल्द ही किसानों का प्रदर्शन और आंदोलन खत्म नहीं होता तो दिल्ली में जरूरी सामानों की कमी हो सकती है. इस पर भी किसान नेता बड़ी साफगोई के साथ कहते हैं कि दिल्ली में किसी भी तरीके से सप्लाई चैन को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. हम भी सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ना तो महंगाई बढ़े और ना ही किसी तरीके के खाने-पीने की चीजों की कोई कमी हो.
सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर भी खूब बहस हुई कि किसान उग्र हो सकते हैं और वहां हिंसा की आशंका लगातार बनी हुई है. किसानों के हिंसक होने को लेकर राकेश टिकैत कहते हैं कि किसानों का आंदोलन आज तक कभी उग्र नहीं हुआ है और ना ही कभी होगा लेकिन पुलिस हमसे छेड़छाड़ कर रही है और हमारे नेताओं को रोक रही है. कानून-व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी तो पुलिस की ही है.
कोरोना महामारी के बीच किसान आंदोलन को लेकर टिकैत कहते हैं कि जब बिहार चुनाव चल रहा था तब कोरोना कहां चला गया था, इस बीमारी का बहाना सिर्फ किसानों को डराने और उन्हें वापस भेजने के लिए किया जा रहा है. टिकैत ने यह भी साफ तौर पर कहा कि वह तो वोट क्लब जाना चाहते हैं जहां सबके जाने की आजादी है तो किसानों को रोका क्यों जा रहा है?