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'84 दंगों से पहले राजीव गांधी ने नहीं उठाया था राष्ट्रपति का फोनकॉलः तरलोचन सिंह

1984 दंगा भड़कने से पहले कांग्रेस ने स्लोगन दिया था 'खून का बदला खून' और पूरी दिल्ली दंगों की आग में झुलस गई थी. इंदिरा गांधी की हत्या जिस दिन हुई उस रात ऐसा कुछ हुआ था जो सुनकर दंग आप भी रह जाएंगे. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुए. रात में राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनसे दंगों की स्थिति पर बात करने के लिए फोन किया था लेकिन राजीव गांधी ने उनसे फोन पर बात नहीं की थी.

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तरलोचन सिंह
तरलोचन सिंह

1984 दंगा भड़कने से पहले कांग्रेस ने स्लोगन दिया था 'खून का बदला खून' और पूरी दिल्ली दंगों की आग में झुलस गई थी. इंदिरा गांधी की हत्या जिस दिन हुई उस रात ऐसा कुछ हुआ था जो सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुए. रात में राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनसे दंगों की स्थिति पर बात करने के लिए फोन किया, लेकिन राजीव गांधी ने उनसे फोन पर बात नहीं की थी.

कांग्रेस का स्लोगल 'खून का बदला खून...'
ऐसा कहना है उस समय ज्ञानी जैल सिंह के प्रेस सेक्रेटरी रहे तरलोचन सिंह का. 2000 से 2003 तक नेशनल कमिशन फॉर माइनॉरटीज के वाइस चेयरमैन रहे तरलोचन सिंह ने कहा, 'इंदिरा गांधी की सुबह गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. लेकिन शाम को दंगे की आग भड़काने की शुरुआत हुई थी. ज्ञानी जी ने खुद ये जानकारी इकट्ठा की थी. एच के एल भगत, जगदीश टाइटलर और अरुण नेहरू की मौजूदगी में कांग्रेस की एक बैठक हुई थी. राजीव गांधी के कोलकाता से आने से पहले ये बैठक हुई थी जिसमें स्लोगन दिया गया था 'खून का बदला खून'. पहला दंगा आईएनए मार्केट में भड़का था.'

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'नहीं थी किसी को दंगों की फिक्र...'
तरलोचन सिंह ने आरोप लगाया, 'अगर 84 दंगे स्पॉन्टेनियस थे तो ये इंदिरा गांधी की हत्या के बाद ही शुरू हो जाने चाहिए थे. आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई थी लेकिन दिल्ली में हर कोई इस बारे में जानता था.' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को पता चला था कि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद दंगा शुरू होगा.

तरलोचन सिंह ने बताया, 'राष्ट्रपति इस मामले में प्रधानमंत्री से बात करना चाहते थे. उन्होंने रातभर फोन किया लेकिन किसी ने भी फोन का जवाब नहीं दिया. अगली सुबह राष्ट्रपति ने गृहमंत्री नरसिंहा रॉव को फोन किया तो उन्होंने जवाब दिया कि सभी लोग इंदिरा गांधी के फ्यूनरल में व्यस्त हैं. उन्होंने कहा एलजी और पुलिस कमिश्नर इस मामले को देख रहे हैं. दिल्ली में दंगा भड़क चुका था लेकिन पूरे दिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने न तो दंगों का हाल लिया और न ही दंगा पीड़ितों का.'

गौरतलब है कि एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 2002 गुजरात दंगों की आग को भड़काने में मदद की थी जबकि 84 दंगों के दौरान कांग्रेस सरकार ने इसे रोकने की पुरजोर कोशिश की थी. 2004 में तरलोचन सिंह को हरियाणा से बीजेपी ने राज्यसभा सदस्य भी चुना.

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पढ़ें: 84 दंगों और गुजरात दंगों पर राहुल गांधी ने क्या कहा...

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