छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा जिले में मंगलवार को 18 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें से 10 पर 38 लाख रुपये का इनाम घोषित था. एजेंसी के मुताबिक, पुलिस ने यह जानकारी दी है. सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया, "नक्सलियों ने यहां सीनियर पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष सरेंडर कर दिया." उन्होंने कहा कि वे खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा और स्थानीय आदिवासियों पर उग्रवादियों के अत्याचारों से निराश हैं.
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण कहा, "वे राज्य सरकार की 'नियाद नेल्लनार' (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं, जिसका मकसद दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाना है और नई सरेंडर और पुनर्वास नीति है."
नक्सलियों पर कितने रुपए का इनाम था?
चव्हाण ने कहा कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों में से माओवादियों की पीएलजीए बटालियन नंबर 1 में प्लाटून पार्टी कमेटी के सदस्य मड़कम आयता (25) और उसी बटालियन में पार्टी के सदस्य भास्कर उर्फ भोगम लक्खा (26) पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था.
उन्होंने बताया कि माओवादियों के एरिया कमेटी के सदस्य मड़कम कमलू (25) और लक्ष्मण उर्फ माडवी छन्नू (28) पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था, जबकि छह अन्य पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा.
बता दें कि पिछले साल बस्तर इलाके में 792 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. बस्तर में सुकमा समेत सात जिले आते हैं.