देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले मिस्टर मिंट-क्रिप्टो करेंसी घोटाले में एक और बड़ी गिरफ्तारी हुई है. मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने अंबिकापुर के बलविंदर सिंह उर्फ बल्ली छाबड़ा को गिरफ्तार किया है. बलविंदर सिंह इस घोटाले में शामिल डायरेक्टरों में से एक है. पुलिस ने उसे सरगुजा पुलिस के सहयोग से सोमवार को अंबिकापुर से गिरफ्तार किया. जिसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड के बाद मुंबई ले जाया गया.
बलविंदर सिंह छाबड़ा को पुलिस तलाश कर रही थी. लेकिन एक गलती बलविंदर को भारी पड़ गई. बताया जाता है कि वह अपने दोस्त का जन्मदिन मनाने अंबिकापुर आया था और पार्टी के दौरान फेसबुक पर पोस्ट कर दिया. जिससे मुंबई पुलिस ने लोकेशन ट्रैक करके उसे गिरफ्तार कर लिया.
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अरबों रुपये की हुई है ठगी
मिस्टर मिंट क्रिप्टो घोटाले में संचालकों ने देशभर के करीब 1 करोड़ निवेशकों से अरबों रुपये की ठगी की. जांच में सामने आया कि निवेशकों से लिए गए रुपये को अवैध रूप से डॉलर में बदलकर विदेश भेजा गया. इस घोटाले को देशद्रोह और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों की श्रेणी में रखा गया है.
कंपनी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए फर्जी क्रिप्टो टोकन और नकली एक्सचेंज बनाए. मिस्टर मिंट ने हरभजन सिंह और साइना नेहवाल जैसे सेलिब्रिटीज से प्रचार करवा कर भरोसा जीतने की कोशिश की. कंपनी ने ‘विडमेट इनफोटेक प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से फर्जी रजिस्ट्रेशन कराया और SEBI एवं RBI की फर्जी मंजूरी दिखाकर निवेशकों को झांसे में लिया.
जुलाई 2025 में रायपुर पुलिस और मुंबई पुलिस की संयुक्त टीम ने बेबीलोन होटल से मिस्टर मिंट के दो अन्य डायरेक्टर – प्रमोद साहू और राहुल भदोरिया – को गिरफ्तार किया था. ये गिरफ्तारी एक सेमिनार के दौरान हुई थी, जिसमें कंपनी के एजेंट नए निवेशकों को जोड़ने का प्रयास कर रहे थे.
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पुलिस ने लोगों से की ये अपील
इस घोटाले में रायपुर के संदीप गुप्ता और अंबिकापुर के बलविंदर सिंह छाबड़ा नामक डायरेक्टर भी फरार थे. जिनमें से पुलिस ने मंगलवार को बलविंदर छाबड़ा को उसके घर पर दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया. मुंबई पुलिस ने मिस्टर मिंट में निवेश करने वाले या इससे जुड़ी जानकारी रखने वाले लोगों से अपील की है कि वे 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या नजदीकी साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें.
इससे जांच में तेजी लाई जा सकेगी और ठगी का पूरा नेटवर्क बेनकाब हो सकेगा. मिस्टर मिंट क्रिप्टो घोटाला भारत में अब तक के सबसे बड़े डिजिटल घोटालों में से एक बनता जा रहा है. बलविंदर सिंह की गिरफ्तारी से जांच को गति मिली है, लेकिन अभी कई अहम कड़ियां जुड़ना बाकी हैं. निवेशकों को जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध स्कीम से बचने की सलाह दी गई है.