
कहावत है कि स्वास्थ्य ही सफलता महत्वपूर्ण होता है. एक स्वस्थ हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है. लेकिन स्वास्थ्य बिगड़ने पर मानसिक परेशानी और इलाज से जुड़ा आर्थिक बोझ भी बढ़ने लगता है. आपके इसी आर्थिक बोझ को संभालता है हेल्थ इंश्योरेंस, जो आपके इलाज और दवाओं का खर्च उठाने से लेकर आपको बेहतर इलाज दिलाने तक, हर कदम आपका साथ देता है. हेल्थ इंश्योरेंस के साथ आपको न मेडिकल बिल की चिंता करनी पड़ेगी और न ही इलाज को बीच में छोड़ना पड़ेगा. आज देश में हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच तेज़ी से बढ़ रही है. इसको लेकर जागरुकता बढ़ने के साथ ही, आज करोड़ो लोग हेल्थ इंश्योरेंस को एक ज़रूरी निवेश मानते हैं. हालांकि, हेल्थ इंश्योरेंस में ऐसे कुछ फ़ीचर भी हैं, जिनकी समझ ज़्यादातर लोगों को नहीं होती. ऐसा ही एक फ़ीचर है वेटिंग पीरियड (Waiting Period).
वेटिंग पीरियड को लेकर कई मिथक और सवाल आमतौर पर लोगों के दिमाग में होते हैं. साथ ही, क्लेम (Claim) खारिज होने और दूसरी परेशानियों को लेकर भी लोगों को सही जानकारी नहीं होती. इसलिए, यह ज़रूरी होता है कि वेटिंग पीरियड को लेकर अपने सवालों और इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में समझ लेना चाहिए.
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, हेल्थ इंश्योरेंस में वेटिंग पीरियड वह अवधि होती है जिसके दौरान पॉलिसी धारक क्लेम (Claim) फ़ाइल नहीं कर सकता, आसान शब्दों में कहें तो वेटिंग पीरियड के दौरान पॉलिसी धारक किसी भी तरह के मेडिकल बिल के लिए इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम (Claim) नहीं पा सकता. वेटिंग पीरियड की अवधि पॉलिसी के साथ ही शुरू हो जाती है और यह 12 से 48 महीने तक हो सकती है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दुर्घटना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने पर किसी भी तरह का वेटिंग पीरियड लागू नहीं होगा, ऐसे में आप सीधे तौर पर अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद ले सकते हैं.
वेटिंग पीरियड दो तरह के होते हैं, जिनके आधार पर ही पॉलिसी धारक को अपने क्लेम (Claim) फ़ाइल करने के लिए इंतज़ार करना पड़ता है. आइए जानते हैं वेटिंग पीरियड कितनी तरह के होते हैं:
*शुरुआती वेटिंग पीरियड:
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में पॉलिसी की शुरुआत से 30 दिन तक, शुरुआती वेटिंग पीरियड होता है, इसे कूलिंग पीरियड (Cooling Period) भी कहा जाता है. इस अवधि के खत्म होने तक पॉलिसी धारक किसी तरह का क्लेम (Claim) नहीं कर सकता. हालांकि, दुर्घटना की स्थिति में पॉलिसी का फायदा पाया जा सकता है. यहां ध्यान रखना ज़रूरी है कि सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में, दुर्घटना होने पर अस्तपाल में भर्ती होने की स्थिति में आपको पहले दिन से ही कवरेज मिलता है.

*पहले से मौजूद बीमारियों (PED) के लिए वेटिंग पीरियड:
IRDAI के मुताबिक, पहले से मौजूद बीमारी ऐसी कोई भी बीमारी, स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी या चोट हो सकती है, जिसकी पहचान पहली मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू होने से 48 महीने पहले हुई हो. आसान शब्दों में कहा जाए, तो पहले से मौजूद बीमारियां, स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी परेशानियां हैं जो व्यक्ति को पहली मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले रही हों. इनमें डायबिटीज़, उच्चरक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), थायरॉइड जैसी बीमारियां शामिल होती हैं.
पहले से मौजूद बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड के बारे में जानकारी न होने से सैकड़ों इंश्योरेंस क्लेम खारिज (reject) हो जाते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए पॉलिसी की शुरुआत से ही कवरेज नहीं दिया जाता. इस तरह की बीमारियों के लिए कवरेज एक तय अवधि खत्म होने के बाद ही दिया जाता है, जो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर निर्भर करता है.
*कुछ खास बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड:
हर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कुछ तय बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड होता है. यह बीमारियां एक पॉलिसीधारक से दूसरे पॉलिसीधारक के लिए अलग-अलग हो सकती हैं. पॉलिसीधारक इन बीमारियों के लिए पहले से तय वेटिंग पीरियड खत्म होने के बाद ही अपना क्लेम (Claim) फ़ाइल कर सकते हैं. यह वेटिंग पीरियड आमतौर पर 12 से 48 महीने तक का हो सकता है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले, यह ज़रूरी है कि आप बीमारियों की लिस्ट ध्यान से पढ़ें और यह भी देख लें कि उन पर कितना वेटिंग पीरियड लागू होता है.
*मेटर्निटी या गर्भावस्था से जुड़ा वेटिंग पीरियड:
आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस में गर्भावस्था से जुड़े अस्पताल के खर्चों के क्लेम (Claim) के लिए वेटिंग पीरियड होता है. यह वेटिंग पीरियड 12 से 24 महीनों तक का हो सकता है, हालांकि, यह आपकी पॉलिसी के हिसाब से कम ज़्यादा भी हो सकता है.
इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि जो लोग शादी करना चाहते हैं या वे बच्चे के लिए योजना बना रहे हैं, उन्हें मेटर्निटी कवरेज वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी चाहिए, ताकि वे आसानी से इस वेटिंग पीरियड को खत्म कर लें.
*वेटिंग पीरियड के पीछे का उद्देश्य:
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े वेटिंग पीरियड का मकसद हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के जोखिम को कम करना होता है, क्योंकि पॉलिसीधारक इंश्योरेंस प्रीमियम देने के तुरंत बाद ही क्लेम (Claim) फ़ाइल करना शुरू कर देते हैं. इसलिए, वेटिंग पीरियड सभी पॉलिसीधारकों को एक ही तरह के नियमों के साथ समान अवधि में क्लेम (Claim) करने की सुविधा देता है.
*इन बातों का रखें ध्यान:
वेटिंग पीरियड एक ऐसा अहम नियम है जिसके बारे में व्यक्ति को हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से पहले जान लेना चाहिए. पॉलिसीधारक को क्लेम (Claim) फ़ाइल करने से पहले पॉलिसी में दिया गया वेटिंग पीरियड पूरा करना होता है. हालांकि, कुछ अतिरिक्त प्रीमियम देकर वेटिंग पीरियड को कम करवाया जा सकता है. Star Health and Allied Insurance Co. Ltd. पेश करते हैं Star Comprehensive Insurance Policy, जिसमें आपको मिलता है Buy back PED का फायदा, जिसमें आप पहले से मौजूद बीमारियों के वेटिंग पीरियड को 36 महीनों से घटाकर 12 महीने कर सकते हैं. आप आज से ही ऐड-ऑन कवर (Add-0n cover) के तौर पर इस बेहतरीन पॉलिसी का लाभ ले सकते हैं, वो भी बेहद ही किफायती प्रीमियम के साथ.