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दिल्ली-NCR में वायरल फ्लू का अटैक! इन लक्षणों को न लें हल्के में

दिल्ली-NCR में लगातार H3N2 फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि इसके लक्षण काफी सामान्य हैं. लेकिन इस फ्लू को हल्के में ना लें और डॉक्टर्स इस फ्लू से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दे रहे हैं, जिससे हम इसके खतरे को कम कर सकें.

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बच्चों-बड़ों को फ्लू का खतरा ज्यादा है.(Photo: AI-generated)
बच्चों-बड़ों को फ्लू का खतरा ज्यादा है.(Photo: AI-generated)

दिल्ली-NCR में इन दिनों बदलते मौसम और पॉल्यूशन की वजह से फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हॉस्पिटल्स और क्लीनिकों में सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इन सभी चीजों को बिल्कुल भी आम समझने की गलती न करें, क्योंकि ये फ्लू हो सकता है. 

कई मामलों के बढ़ने का कारण इन्फ्लूएंजा ए का एक सबटाइप, एच3एन2 (H3N2) पाया गया है. यह आम फ्लू जैसा लगता है, लेकिन कमजोर लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है. जल्दी पहचान और सही देखभाल से बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है. ऐसे में डॉक्टरों ने इससे घबराने की बजाय लोगों को सतर्क रहने और कुछ जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है. 

    H3N2 है?

    H3N2 फ्लू इन्फ्लूएंजा ए का एक प्रकार है, इसमें दो खास प्रोटीन हेमाग्लगुटिनिन (H3) और न्यूरामिनिडेस (N2) होते हैं. यही इसके नाम की वजह हैं और ये वायरस समय-समय पर बदलता रहता है, इसलिए इसका प्रकोप बढ़ जाता हैं. लोकल सर्कल्स सर्वे की एक लेटेस्ट हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-NCR में 50-70 प्रतिशत घरों में कम से कम 1 मेंबर के इस फ्लू जैसे लक्षणों से बीमार पाया गया है. मार्च 2025 के बाद इसमें वृद्धि देखी गई है, जब सिर्फ 54 प्रतिशत ही घरों में फ्लू जैसे मामले सामने आए थे.

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    H3N2 का सबसे ज्यादा खतरा इन लोगों को होता है?

    • छोटे बच्चे
    • बुजुर्ग (65 साल से ऊपर)
    • प्रेग्नेंट महिलाएं
    • पहले से बीमार लोग 

    कैसे करें H3N2 फ्लू से बचाव 

    • फ्लू से बचने के लिए हर साल इसके टीके लगवाने चाहिए, ये खतरे को कम कर सकता है.
    • अगर आप किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाते हैं तो आप फेस पर मास्क जरूर लगाएं. 
    • हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
    • बिना हाथों को साफ किए फेस पर न लगाएं.
    • हाथों को समय-समय पर साबुन से धोएं.
    • खाने में खूब सारी सब्जियां, प्रोटीन रिच फूड्स और ढेर सारा पानी पिएं. इन सब चीजों को करके आप अपनी बॉडी के डिफेंस सिस्टम को सपोर्ट करेंगे.

    वैक्सीनेशन के बाद हो सकते हैं बीमार?

    दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के इंटर्निस्ट डॉ. चटर्जी ने एक इंटरव्यू में बताया है कि हर किसी का शरीर वैक्सीनेशन पर अलग-अलग तरह से रिएक्ट करता है, जवान और हेल्दी लोग टीका लगने के बाद ज्यादा मजबूत बनाते हैं. वहीं, बुजुर्ग, बच्चे और डायबिटीज, दिल या लंग्स के मरीज उतनी एंटीबॉडी नहीं बना पाते. इसका मतलब यह नहीं कि वैक्सीनेशन उनके लिए बेकार है.

    टीके का असर तुरंत नहीं होता, शरीर को एंटीबॉडी बनाने में लगभग 2 हफ्ते लगते हैं, अगर टीका लगने से ठीक पहले या तुरंत बाद फ्लू हो जाए तो इंसान बीमार हो सकता है.सुरक्षा हमेशा लंबे समय तक नहीं रहती, इसलिए सही समय पर टीका लगवाना जरूरी है.

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    फ्लू के लक्षण की जल्दी पहचान करें

    • लगातार खांसी और जुकाम
    • गले में खराश और दर्द
    • सिरदर्द और बदन दर्द
    • बुखार और ठंड लगना
    • थकान और कमजोरी

    सफदरजंग हॉस्पिटल के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि वायरस और बैक्टीरिया दोनों में शुरुआती लक्षण मिलते-जुलते होते हैं. हालांकि इन लक्षणों को आम समझकर घरेलू इलाज करने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करें.

    डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

    • जब बुखार दवाई लेने के बाद भी ठीक न होना.
    • सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और भारीपन लगे
    • चक्कर आना, बहुत कमजोरी होना
    • पुरानी बीमारी (जैसे दिल की बीमारी, दमा) अचानक बिगड़ना.
    • लक्षणों का अचानक ठीक होकर फिर से बिगड़ जाना.
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