कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 और 35A विवादों में है, इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया जा रहा है कि अगर जम्मू-कश्मीर की कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी करती है तो उस महिला की नागरिकता खत्म हो जाएगी. वहीं अगर वह पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती है तो उस व्यक्ति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि आर्टिकल 35A के प्रावधानों का हवाले से किया गया दावा पूरी तरह से गलत है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक पर "रोचक तथ्य" नाम के पेज ने यह पोस्ट किया है जिसे खबर लिखे जाने तक 3700 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके थे.
मामले की तह तक जाने के लिए हमने जम्मू-कश्मीर की नागरिकता और अधिकारों की बात करने वाले आर्टिकल 35A के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया. हमें Firstpost का एक न्यूज आर्टिकल मिला.
इस आर्टिकल में राज्य के सरकारी वकील इशाक कादरी के हवाले से लिखा गया है कि अक्टूबर 2002 में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने स्टेट एंड अदर्स वर्सेस डॉ. सुशीला साहाने एंड अदर्स के केस में फैसला देते हुए राज्य के स्थायी निवासी कानून के उस प्रावधान को रद्द किया था, जिसके अनुसार किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह करने के बाद स्थायी निवासी की बेटी का जम्मू-कश्मीर की स्थायी निवासी होने का ओहदा छिन जाता था.
इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी बाहरी व्यक्ति से शादी करने के बाद भी जम्मू-कश्मीर की महिला वहां की स्थायी निवासी ही रहेगी और संपत्ति पर अधिकार सहित सभी अधिकार उसके पास रहेंगे. हाईकोर्ट के इस आदेश को पीडीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने इस याचिका को वापस ले लिया.
इसके अलावा आर्टिकल 35A के अनुसार अगर कोई कश्मीरी लड़की किसी बाहरी लड़के से शादी करती है तो उस पुरुष को कश्मीर की नागरिकता या अन्य अधिकार नहीं मिलते. बाहरी पुरुष अन्य राज्य या किसी भी देश का हो सकता है.
नहीं खरीद सकते जमीन
आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है, जिसके चलते राज्य के कुछ विशेष अधिकार भी हैं. लिहाजा जो भी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर का निवासी नहीं है वह यहां जमीन नहीं खरीद सकता. ऐसा नियम हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड जैसे कुछ अन्य राज्यों में भी लागू है.
बीजेपी के मेनिफेस्टो में भी जिक्र
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में अनुच्छेद 370 हटाने की बात दोहराई थी. वहीं अपने घोषणपत्र में धारा 35ए को जम्मू-कश्मीर के गैर स्थायी निवासियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे खत्म करने की भी बात कही थी. हालांकि अभी तक इस पर कानूनन कोई कार्रवाई नहीं की गई है.