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मुंबई की बस्ती से ऑस्कर के रेड कार्पेट तक

मुंबई की बस्ती से ऑस्कर के रेड कार्पेट तक

ऑस्कर्स में शामिल होना किसी के लिए भी गर्व की बात होती है. 8 साल के सनी पवार जो कि एक गरीब परिवार से तालुक रखते हैं उनके लिए भी ये किसी सपने के सच होने जैसा ही है. सनी मुम्बई के एक गर्वमेंट स्कूल में पढ़ाई करते हैं. एक दिन उस स्कूल में हॉलीवुड फिल्म 'लॉयन' की कास्ट‍िंग टीम पहुंची और उन्होंने सनी को एक्टर देव पटेल के बचपन की भूमिका के लिए फाइनल कर लिया. मुंबई में कलिना के पास एक छोटी सी बस्ती में रहने वाले सनी के पिता दिलीप पवार को जब ये मालूम हुआ कि उनका बेटा हॉलीवुड फिल्म के लिए चुना गया है तो उनकी आंखें नम हो गई.हर माँ बाप कि तरह वो बाहर से तो खुश थे पर अंदर से डरे हुए भी कि उनका सनी ये सब कैसे कर पाएगा, कहीं उसका बचपन तो दाव पर नहीं लग रहा पर उन्होंने सनी को पूरा सपोर्ट किया, सिर्फ 10,000 रूपए महीना कमाने वाले सनी के पिता ने अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सनी पर लगा दिया और आखिरकार 89th वें ऑस्कर समारोह में रेड कारपेट पर जब 8 साल के सनी पवार पहुंचे तो सबकी आंखों में चमक आ गई वो इस समारोह में पहुंचने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के कलाकार हैं. इस नन्हें कलाकार ने ऑस्कर का हिस्सा बनकर यह साबित कर दिखाया है कि हुनर और हौसला हो तो किसी भी उम्र में सफलता हासिल की जा सकती है. सनी ने न केवल अपने माता-पिता की जिंदगी बदल दी बल्कि छोटे शहर में रहने वाले उन लोगों के लिए भी रोल मॉडल बन गए, जो ये मान लेते हैं.

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