पहले 'डिंपल', फिर 'आशीर्वाद' और अब 'वरदान'. ये कहानी है उस बंगले की जो गवाह बना उस स्टारडम का जो सिर्फ अब तक सिर्फ राजेश खन्ना को नसीब हुई. ये वो बंगला है जिसे राजेश खन्ना को शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचाया तो इसी ने उन्हें तनहाइयों में पल-पल डूबते हुए भी देखा. आज ये बंगला उनकी बेटियों के लिए 'वरदान' बन गया है.