देश और दुनिया में अपने संगीत से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले सिंगर पंडित जसराज का 90 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से फैंस काफी दुखी हैं. संगीत, मनोरंजन और राजनीति जगत से सिंगर को श्रद्धांजलि दी जा रही है और संगीत के लिए किए गए उनके सराहनीय काम को याद किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया है. इसके अलावा फिल्म जगत की हस्तियां भी पंडित जसराज को याद कर भावुक हो रही है. एक्टेस कंगना रनौत ने सिंगर के निधन पर दुख जताया है और बताया कि उन्हें एक बात का अफसोस भी है.
कंगना रनौत ने कहा कि पंडित जी का निधन संगीत जगत के लिए बड़ा नुकसान है. इसके अलावा उन्होंने पंडित जसराज द्वारा गाई हुई हनुमान चालीसा शेयर की है. इसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा- जब भी मेरे जीवन में बड़ी चुनौतियां आईं, जब मैं बहुत विचलित महसूस करने लगी, मैं हमेशा पंडित जी द्वारा गाई गई हनुमान चालीसा सुनती थी. शायद उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि उनकी आवाज मेरे लिए कितना मायने रखती थी. दुख की बात ये है कि उनसे एक बार मिलने का मेरा सपना आज उनके जाने के बाद पूरी तरह से बिखर गया. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. कंगना रनौत के अलावा मनोरंजन जगत से अदनान सामी, मधुर भंडारकर और दलेर मेंहदी समेत कई कलाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
In every challenging situation in life where I feel unsure and overwhelmed I listen to this, he may not know what his voice means to me but my dream of meeting him some day lies shattered today #PanditJasraj https://t.co/JEHFIRQjBw
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) August 17, 2020
इन गानों को पंडित जसराज ने दी थी आवाज, चर्चा में रहा था ये रोमांटिक सॉन्ग
नहीं रहे प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज, निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक
8 दशक से भी ज्यादा समय तक संगीत की दुनिया में सक्रिय
बता दें कि 28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज को भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे बड़े और सम्मानित गायकों में शुमार किया जाता था. पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व भर में मशहूर किया. करीब 8 दशक से भी ज्यादा समय तक उन्होंने संगीत की सेवा की. ये अपने आप में ही बड़ी दुर्लभ और विचित्र है. उनका जन्म ऐसे परिवार में हुआ था जिसकी 4 पीढ़ियां संगीत की दुनिया में सक्रिय रही थीं. उनकी तरबियत बड़े भाई पंडित मणिराम की देख-रेख में हुई. उन्हें संगीत जगत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए संगीत नाटक अकदमी, पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सम्मानों से नवाजा गया.