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विवाद पर Naseeruddin Shah बोले- मैं भी देशभक्त, मुझे शोर मचाने की जरूरत नहीं

Naseeruddin Shah ने Ajmer Literature Festival में एक वीडियो मैसेज के जरिए अपनी बुक रिलीज की और कुछ दिन पहले दिए गए विवादित बयान पर सफाई भी पेश की. बता दें कि भारी विरोध प्रदर्शन के चलते वे अजमेर लिट फेस्टिवल में हिस्सा नहीं ले सके थे.

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नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह

नसीरुद्दीन शाह अक्सर देश और समाज के बुनियादी सवालों पर अपनी राय रखते आए हैं. लेकिन भीड़ की हिंसा पर हाल ही में दिया गया उनका बयान, बड़े विवाद की वजह बन गया है. अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल में विरोध के चलते वे हिस्सा भी नहीं ले पाए. अब उन्होंने एक वीडियो के जरिए अपनी किताब लॉन्च करने के साथ ही बयान को समझाने की कोशिश की है. 

टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट की मानें तो अजमेर से कुछ दूर पुष्कर में बंद दरवाजों के पीछे अज्ञात जगह पर नसीरुद्दीन के लिए एक सेशन का आयोजन किया गया. इसका संचालन उर्दू लेखक सैफ मोहम्मद ने किया. यहां नसीर ने अपनी किताब "नसीर का नजीर फिर एक दिन" का विमोचन किया.

रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल में नसीर के प्रशंसकों के सामने वीडियो मैसेज के जरिए किताब रिलीज हुई. उन्होंने इस दौरान अपने बयान पर सफाई दी कि ये देश मेरा भी है और इसके लिए मुझे शोर मचाने की जरूरत नहीं.

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"A day without laughter is a day wasted."-Charles Chaplin. . Ziyarat to the village of Corsier-sur-Vevey in Switzerland at the tomb of the greatest ever actor.

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नसीर ने कहा क्या?

नसीर ने कहा, "ये देश मेरी मातृभूमि है. मैं देशद्रोही नहीं हूं. मुझे देश की आलोचना करना दुख भरा लगता है मगर अगर मुझे कुछ गलत लगेगा तो मैं इसके बारे में जरूर बोलूंगा. मैं देश के भविष्य को लेकर फिक्रमंद हूं. मेरी 4 पुरखें इस देश में जन्मीं हैं. मेरा जन्म यहां हुआ है. मेरे बच्चे यहां रहेंगें. मैं इस देश से बहुत प्यार करता हूं और मुझे इसका शोर मचाने की जरूरत नहीं है."

रिपोर्ट्स के मुताबिक लिट फेस्ट आयोजकों ने एक बयान में कहा कि विवाद से बचने के लिए नसीरुद्दीन के सेशन को अजमेर से पुष्कर शिफ्ट कर दिया गया.

नसीर के किस बयान पर मचा था बवाल

नसीर ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि इस वक्त खराब माहौल है. आज देश में गाय की जिंदगी एक पुलिस अफसर की जान से ज्यादा हो गई है. इस बयान पर तमाम राजनीतिक दलों ने नसीर की आलोचना की थी. अनुपम खेर ने नसीर का विरोध किया था. हालांकि महेश भट्ट, आशुतोष राणा, स्वरा भास्कर ने  नसीर का पक्ष लिया था.

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