जाने-माने कन्नड़ नाटककार, रंगकर्मी, एक्टर, निर्देशक और स्क्रीन राइटर गिरीश कर्नाड का 81 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन की वजह मल्टीपल ऑर्गेन का फेल होना है. सोमवार को बेंगलुरु में गिरीश कर्नाड का निधन हुआ. कर्नाड लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था.कर्नाड के निधन से साहित्य और सिनेमा जगत में शोक की लहर है.
कर्नाटक की सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. CM एचडी कुमारस्वामी ने दिग्गज साहित्यकार के निधन के बाद राजकीय शोक की घोषणा की. सरकार ने एक दिन के पब्लिक हॉलिडे की भी घोषणा की है. गिरीश कर्नाड का आज ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
गिरीश कर्नाड के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'गिरीश कर्नाड को सभी माध्यमों में उनके बहुमुखी अभिनय के लिए याद किया जाएगा. उनके काम आने वाले वर्षों में लोकप्रिय होते रहेंगे. उनके निधन से दुखी हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले.'
Girish Karnad will be remembered for his versatile acting across all mediums. He also spoke passionately on causes dear to him. His works will continue being popular in the years to come. Saddened by his demise. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2019
गिरीश कर्नाड बहुमुंखी प्रतिभा के धनी थे. 1960 के दशक में नाटकों के लेखन से कर्नाड को लोग पहचानने लगे. कन्नड़ नाटक लेखन में गिरीश कर्नाड की वही भूमिका है जो बंगाली में बादल सरकार, मराठी में विजय तेंदुलकर और हिंदी में मोहन राकेश जैसे दिग्गज नाटककारों की है. लगभग पांच दशक से ज्यादा समय तक कर्नाड नाटकों के लिए सक्रिय रहे. कर्नाड ने अंग्रेजी के भी कई प्रतिष्ठित नाटकों का अनुवाद किया. कर्नाड के भी नाटक कई भारतीय भाषाओं में अनुदित हुए. कर्नाड ने हिंदी और कन्नड़ सिनेमा में अभिनेता, निर्देशक और स्क्रीन राइटर के तौर पर काम किया. उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण का सम्मान मिला. कर्नाड को चार फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिले.
गिरीश कर्नाड को 1978 में आई फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था. उन्हें 1998 में साहित्य के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. गिरीश कर्नाड ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने कमर्शियल सिनेमा के साथ समानांतर सिनेमा के लिए भी सराहे गए.
मुंबई में जन्म, लंदन में पढ़ाई, सलमान की टाइगर में रॉ चीफ बने थे कर्नाड
कर्नाड के निधन से सिनेमा और साहित्य जगत में शोक की लहर है. गिरीश ने कन्नड़ फिल्म संस्कार(1970) से अपना एक्टिंग और स्क्रीन राइटिंग डेब्यू किया था. इस फिल्म ने कन्नड़ सिनेमा का पहले प्रेजिडेंट गोल्डन लोटस अवार्ड जीता था. बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म 1974 में आयी जादू का शंख थी. गिरीश कर्नाड को सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर और टाइगर ज़िंदा है के लिए जाना जाता है. इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्म निशांत (1975), शिवाय और चॉक एन डस्टर में भी काम किया था.
इस तरह एक खत से बदल गई गिरीश कर्नाड की जिंदगी, यूं शुरू हुआ नाटकों का सफर
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