नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) के एक फैसले ने दक्षिण के राज्यों में खलबली मचा दी है. दरअसल, शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में दक्षिण के राज्यों के लिए तीन भाषा फॉर्मूला के तहत हिंदी भाषा को अनिवार्य किया गया था, जिसके बाद काफी बवाल मचा. लगातार हो रही आलोचना के बाद अब केंद्र सरकार बैकफुट पर है. ड्राफ्ट में बदलाव भी कर दिया गया है. अब गैर हिंदी राज्यों में हिंदी को अनिवार्य करने की शर्त को हटा लिया गया है.
सरकार के इस फैसले का मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान ने स्वागत किया है. एआर रहमान ने तमिल में ट्वीट कर लिखा, "खूबसूरत फैसला. तमिलनाडु में हिंदी अनिवार्य नहीं है. ड्राफ्ट को एडिट कर दिया गया है."
அழகிய தீர்வு 🌹🇮🇳 ”தமிழகத்தில் இந்தி கட்டாயமல்ல... திருத்தப்பட்டது வரைவு!”
— A.R.Rahman (@arrahman) June 3, 2019
मालूम हो कि एआर रहमान उन सेलेब्स में शामिल हैं, जिन्होंने गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी को अनिवार्य बनाने वाले सरकार के ड्राफ्ट पर प्रतिक्रिया दी थी. रहमान ने एक पंजाबी सिंगर द्वारा तमिल में गाया सॉन्ग शेयर कर कैप्शन में लिखा- "तमिल पंजाब में फैल रही है."
Tamizh is spreading in Punjab 😀 https://t.co/VU9q17c9e5
— A.R.Rahman (@arrahman) June 2, 2019
One #nation. One #language. One #religion.
This will never happen in #India no matter who does what. Never!
— Siddharth (@Actor_Siddharth) June 3, 2019
एक्टर सिद्धार्थ ने भी सरकार के ड्राफ्ट पर रिएक्ट किया था और लिखा था- ''एक देश, एक भाषा, एक धर्म. ये भारत में कभी नहीं हो सकता चाहे कौन क्या करता है. कभी नहीं.'' तमिलनाडु हमेशा से ही राज्य पर हिंदी भाषा को थोपने के विरोध में रहा है. पहला हिंदी विरोधी आंदोलन 1937 में हुआ था और तीन साल तक चला था. बाद में, इसी तरह का आंदोलन 1965 में हुआ था. इस दौरान कई लोग मारे गए थे.