गॉडफादर.... जब भी मेरे जहन में यह शब्द कौंधता है तो यकीन मानिए सबसे पहले विटो कॉर्लियोनी के रूप में एक्टर मार्लन ब्रैंडो की छवि उभरकर सामने आती है. काला सूट-बूट पहने बिल्ली को प्यार से सहलाते डॉन विटो कॉर्लियोनी जब-जब स्क्रीन पर आए, दर्शकों की नजरें उन पर फ्रीज हो गईं. कमरे की मद्धम रोशनी में कुर्सी पर बैठकर टकटकी लगाकर देखते विटो के हिस्से जब कोई डायलॉग भी नहीं आया तब भी उन्होंने अपनी खामोशी से बहुत कुछ बयां कर दिया. उनकी शख्सियत के ठहराव और धीमी आवाज ने उन्हें असरदार बनाया. कारोबार और परिवार के बीच संतुलन बनाने में यकीन रखने वाले डॉन विटो जानते थे कि असली ताकत परिवार में है. 1972 में रिलीज द गॉडफादर फिल्म की आज 53 साल बाद चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि भारत में इसे दोबारा रिलीज किया गया है.
गॉडफादर उन कुछ चुनिंदा फिल्मों में से एक है, जिन्हें वर्ल्ड सिनेमा का चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है. मारियो पूझो के नोवल द गॉडफादर पर आधारित तीन पार्ट्स में बनी ये फिल्म माफिया डॉन के रूप में विटो कॉर्लियोनी और उनके बेटे माइकल की जिंदगी, सत्ता की जद्दोजहद, विश्वासघात और पारिवारिक रिश्तों की कहानी है.
जानकर अचरज होगा कि गॉडफादर शब्द की शुरुआत अपराध की दुनिया से नहीं बल्कि चर्च के गलियारों में पहली बार हुई थी. यूरोप के कैथोलिक समाज में जब किसी बच्चे का बैप्टिज्म होता था तो उस बच्चे के मां-बाप उसके लिए एक संरक्षक का चुनाव करते थे, इसी संरक्षक को गॉडफादर कहा जाता था. गॉडफादर की जिम्मेदारी उस बच्चे को नैतिकता का रास्ता दिखाने की होती थी.

लेकिन समय के साथ-साथ इस शब्द के मायने बदले. 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका में इटैलियन माफियाओं ने तेजी से पैर पसारने शुरू किए. ये माफिया बॉस अपने गैंग को परिवार की तरह समझते थे. इस वजह से गैंग मेंबर्स ने अपने बॉस को गॉडफादर कहना शुरू कर दिया. 1969 में इटैलियन राइटर मारियो पूझो ने अपने नोवल द गॉडफादर से इस शब्द को नई पहचान दी. इसी उपन्यास पर हॉलीवुड डायरेक्टर फ्रांसिस फोर्ड कोपोला ने द गॉडफादर फिल्म बनाई जो कालजयी साबित हुई और इस तरह यह शब्द दुनिया में हमेशा के लिए रच-बस गया.
फिल्म की कहानी परिवार, वफादारी, वर्चस्व की जंग, बदले और माफिया की दुनिया के नैतिक द्वंद्व को समेटे हुए है. इस फिल्म ने गैंगस्टर जॉनर को नई ऊंचाइयां दी. न्यूयॉर्क के कॉर्लियोनी परिवार का मुखिया विटो कॉर्लियोनी जिसे गॉडफादर कहा जाता है. इटली में एक त्रासदी के बाद लड़कपन में ही अमेरिका आकर बसा. विटो मेहनत और चालाकी के दम पर माफिया साम्राज्य का सरगना बनता है. गॉडफादर के रूप में विटो कॉर्लियोनी का किरदार कालजयी है, जो शांत है, ताकतवर और शातिर भी है. परिवार के प्रति समर्पित है और फेवर के बदले वफादारी मांगता है. विटो को पता है बिजनेस कैसे करना है, वह क्रूर है लेकिन एक दयालु पिता भी है. गॉडफादर के रूप में वह जितना शातिर है उतना ही फैमिली मैन भी.

गॉडफादर फिल्म सिर्फ अपराध के ईर्द-गिर्द बुनी गई कहानी नहीं है बल्कि यह परिवार, सत्ता और मानवीय मूल्यों को गहराई देती है. विटो और माइकल का व्यक्तित्व हमें मानव व्यवहार, नैतिकता और परिवार के महत्व पर सोचने पर मजबूर करता है.
गॉडफादर फिल्म से पहले अपराध और गैंगस्टर फिल्मों का मतलब ही होता था हिंसा और खून-खराबा. लेकिन गॉडफादर ने दुनिया को बताया कि माफिया का मतलब सिर्फ अपराध या अपराधी होना भर नहीं है. माफिया डॉन एक इंसान है, एक पिता, पति और संरक्षक भी है. तभी तो विटो कॉर्लियोनी जब अपने बेटे सनी से कहते हैं कि A Man who does not spend time with his family can never be a real man मतलब जो शख्स अपने परिवार के साथ समय नहीं बिताता वह असली मर्द नहीं हो सकता. इससे पता चलता है कि वह जितनी तवज्जो अपने काम को देते थे उनकी उतनी ही जवाबदेही अपने परिवार के प्रति भी थी.
गॉडफादर फिल्म ने अपराध की दुनिया में विशेष रूप से गैंगस्टर सिने जगत में क्राइम को मानवीय मूल्यों से जोड़कर पेश किया. जहां सिर्फ ड्रग्स, सेक्स, धोखा या साजिशें नहीं हैं बल्कि परिवार के प्रति प्रेम सबसे पहले है. फिल्म की शुरुआत ही विटो कॉर्लियोनी की बेटी कॉनी की शादी से होती है जहां विटो शादी में शरीक हो रहे मेहमानों का स्वागत करता है. इससे पता चलता है कि उसका अपराधी होना एक बात है लेकिन पिता और मेजबान होना अलग. वह बच्चों और पोतों के जन्मदिन और त्योहार उतनी ही शिद्दत से मनाता है जितनी तल्लीनता से माफिया मीटिंग्स अटेंड करता है.

विटो कॉर्लियोनी के लिए लॉयल्टी सबसे अहम है. उनके लिए हर रिश्ते में ईमानदारी जरूरी है. इसलिए वो अपने साथियों से भी यही उम्मीद करते हैं कि वे उनके परिवार की तरह वफादार रहें. फिल्म की शुरुआत में जब एक शख्स अपने बेटी के लिए इंसाफ मांगने विटो के पास आता है. तो विटो उससे कहता है कि मैं तुम्हारी मदद तो कर दूं लेकिन तुमने मुझे कभी गॉडफादर माना ही नहीं. इससे साबित होता है कि कॉर्लियोनी का साम्राज्य बेशक अपराध पर टिका है लेकिन उस साम्राज्य की नींव सम्मान और वफादारी पर टिकी है.
फिल्म में अपराध की दुनिया में विटो कॉर्लियोनी की एंट्री संयोगवश होती है. मात्र नौ साल की उम्र में शरणार्थी के तौर पर इटली से अमेरिका आकर बसा विटो बड़ा होने पर बेहद शांत, मेहनती और परिवार को तवज्जो देने वाला शख्स बनता है. लेकिन जब एक लोकल गुंडे की वजह से उसकी नौकरी चली जाती है तो वह अपने दोस्त क्लेमेंजा के साथ मिलकर छोटे-मोटे अपराध करना शुरू करता है. लेकिन जब लोकल डॉन फानुची की वजह से उसकी आजीविका प्रभावित होने लगती है तो वह उसे मारने का फैसला करता है. फानुची का मर्डर विटो के जीवन का एक अहम पड़ाव बना.
विटो ने धीरे-धीरे अपने कारोबार को संगठित करना शुरू किया. वह एक तरफ तस्करी और जुए के कारोबार में पैठ बना रहा था तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों की परेशानियों को सुलझाकर उनका भरोसा भी जीत रहा था. एक छोटे से क्षेत्र में सिमटा विटो का प्रभाव धीरे-धीरे न्यूयॉर्क और अन्य शहरों तक बढ़ने लगा. जल्द ही उसकी छवि एक ऐसे डॉन के रूप में गढ़ दी गई, जिसे लोग सम्मान और डर दोनों नजरों से देखते थे. फिल्म बताती है कि विटो का आपराधिक जीवन उसकी परिस्थितियों और सिसली की माफिया संस्कृति से प्रेरित था लेकिन विटो ने इसे अपने तरीके से ढाला.

विटो की तुलना में माइकल कॉर्लियोनी की कहानी इस फिल्म की सबसे बड़ी त्रासदी है. विटो का सबसे छोटा बेटा माइकल वॉर हीरो है. वह अपराध की दुनिया से अलग रहना चाहता है. लेकिन अपने पिता की सलामती उसे उसी अपराध की दलदल में खींच लाती है, जिससे वह बचने की कोशिश करता रहा. पिता और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए वह अपराध की दुनिया में कदम रखता है. यह फिल्म माइकल के नैतिक पतन की भी कहानी है. वह फिल्म की शुरुआत में जितना आदर्शवादी और संवेदनशील था. अपराध की दुनिया में उतरने के बाद उतना ही क्रूर और कैलकुलेटिव हो जाता है. एक सामान्य इंसान से गॉडफादर बनने का उसका सफर उसके नैतिक द्वंद्व को दर्शाता है.
ये माइकल के कैरेक्टर की विडंबना है कि हमेशा आदर्शों पर चलने की दुहाई देने वाले माइकल का पहला क्राइम ही डबल मर्डर है. वह लोगों से खचाखच भरे रेस्तरां में सोलोजो और मैक्कलस्की की गोली मारकर हत्या कर देता है. यह सीन उसके नैतिक बदलाव को दर्शाता है कि कैसे अब वह पूरी तरह से अपराध की दुनिया में दाखिल हो चुका है. इस फिल्म में जितनी गहराई से अपराध की दुनिया को दिखाया गया है, उतनी ही शिद्दत से पारिवारिक मूल्यों को भी सहेजा गया है. यहां ताकत और परिवार साथ-साथ चलते हैं लेकिन पिता और बेटे के किरदारों में विरोधाभास हैं. विटो जहां अपने फैसलों में परिवार को ऊपर रखता है. उसका साम्राज्य भरोसे और सम्मान पर टिका है लेकिन माइकल के कंधों पर सत्ता का जुनून इतना हावी हो जाता है कि अंत में उसके पास साम्राज्य तो होता है लेकिन परिवार नहीं.
गॉडफादर बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. 1970 का दशक हॉलीवुड के लिए बदलाव का दौर था. पुराने स्टूडियो सिस्टम ढह रहे थे और फ्रांसिस कोपोला, मार्टिन स्कॉर्सेसी और स्टीवन स्पीलबर्ग जैसे युवा डायरेक्टर्स नए जोखिम ले रहे थे. ऐसे में गॉडफादर इस न्यू हॉलीवुड युग का प्रतीक बन गई.

गॉडफादर को जिस पैरामाउंट स्टूडियो के बैनर तले बनाया जा रहा था. वह विटो के रोल के लिए ब्रांडो को कास्ट किए जाने से खुश नहीं थे. लेकिन ये कोपोला की जिद थी कि विटो का किरदार ब्रांडो से बेहतर कोई नहीं कर सकता. ब्रांडो की छवि एक मंझे हुए मैथड एक्टर की थी. वह अपने आप में एक्टिंग के इंस्टीट्यूट रहे हैं. विटो के किरदार के लिए जो गंभीरता और ठहराव की जरूरत थी. उसके लिए ब्रांडो से बेहतर कोई नहीं हो सकता था. उन्होंने ऑडिशन के दौरान अपने मुंह में कॉटन बॉल्स डालकर ऑडिशन दिया ताकि ठहराव के साथ विटो के बोलने के अंदाज को पर्दे पर जीवंत किया जा सके. उन्होंने पूरी फिल्म में इसी तरह मुंह में कॉटन बॉल्स डालकर अभिनय भी किया. ठीक इसी तरह माइकल कॉर्लियोनी के रोल के लिए भी स्टूडियो की पहली पसंद अल पचीनो नहीं थे. मगर कोपोला की जिद के आगे स्टूडियो को झुकना पड़ा.
फिल्म में संतरे का भी प्रतीकात्मक रूप से बहुत महत्व है. फिल्म में संतरे के दिखने को संकट के प्रतीक के तौर पर दर्शाया गया है. जब-जब फिल्म के किसी दृश्य में संतरे दिखाई देते तो अगले ही कुछ पलों में किसी तरह की अनहोनी होती. संतरे का दिखना किसी बड़े बदलाव, धोखे या संघर्ष का प्रतीक है. एक सीन में जब विटो कॉर्लियोनी खरीदारी के लिए बाजार में रुकते हैं. यहां उन्हें संतरे खरीदते हुए दिखाया गया है और अगले ही पल उन पर जानलेवा हमला हो जाता है. इसी तरह फिल्म के तीनों पार्ट में संतरों का दिखना आने वाले खतरे का प्रतीक बनता दिखाया गया.
विटो को उनकी मौत से ठीक पहले अपने पोते के साथ संतरों के साथ खेलते दिखाया गया. ठीक इसी तरह फिल्म के तीसरे पार्ट में जब माइकल एकाकी जीवन जीता हुआ कुर्सी पर ही दम तोड़ देता है तो उसके हाथ में भी संतरा होता है. इस तरह निर्देशक कोपोला ने संतरे जैसे एक आम फल को प्रतीक के रूप में इस्तेमाल कर इसे यादगार बना दिया.

गॉडफादर की कहानी माफिया फैमिली की नहीं बल्कि दो पीढ़ियों की सोच का टकराव भी है. विटो कॉर्लियोनी उस दौर का डॉन था जब माफिया राज डर से नहीं बल्कि रिश्तों से चलता था. विटो का कहना था कि लोग मुझसे डरकर नहीं बल्कि इज्जत करके मेरे पास आते हैं. विटो के लिए सत्ता का मतलब सुलह और संतुलन था. उसका अपराध भी मानवीय चेहरा रखता था. वह परिवार, रिश्तों और दोस्ती को ऊपर रखता था. वह मानते थे कि अगर आप दूसरों का बोझ हल्का करते हैं तो वे आपके वफादार बन जाते हैं.
लेकिन माइकल बातचीत से ज्यादा गोली पर भरोसा करता था. सत्ता को बचाने के लिए उसने रिश्ते, दोस्त और यहां तक कि अपना परिवार भी खो दिया. वह गद्दारी करने वालों को कभी माफ नहीं करता था. माइकल की कहानी बताती है कि जब सत्ता को बचाने का सवाल आता है तो इंसान कितना निर्मम और अकेला हो सकता है. उसके लिए सत्ता का मतलब था- विरोधियों का सफाया.

माइकल अपने पिता के उलट भावनाओं को कम तरजीह देता था. माइकल का फोकस परिवार पर कम सत्ता को मजबूत करने पर ज्यादा रहा. विटो को हमेशा सम्मान की नजरों से देखा गया. वह अपने अंत समय में भी परिवार के करीब था. पोते के साथ बागान में हंसते-खेलते हुए विटो ने दुनिया को अलविदा कहा. लेकिन माइकल अपने अंत समय में बिल्कुल अकेला था. माता-पिता का साया पहले ही उठ चुका था, भाई फ्रेडो की हत्या और पत्नी से तनावपूर्ण संबंधों के बाद वह उससे अलग हो गया था. बच्चों के वियोग में तड़पते हुए माइकल ने बिल्कुल अकेलेपन में दम तोड़ा.
गॉडफादर ने दुनिया को क्राइम और फैमिली ड्रामा के कॉम्बिनेशन की एक नई विधा दी. हिंदुस्तान सहित दुनियाभर का सिनेमा गॉडफादर से बेहद प्रभावित हुआ. इस कल्ट क्लासिक को एक्टिंग स्कूलों में विशेष तौर पर दिखाया जाता है. कई ड्रामा स्कूलों में यह फिल्म सिलेबस का हिस्सा है और हर एक्टर अपने जीवन में गॉडफादर जैसी फिल्म करने की इच्छा रखता है. इस फिल्म ने सिखाया कि क्राइम फिल्मों का मतलब सिर्फ हिंसा नहीं होता. क्राइम फिल्मों को मानवीय संवेदनाओं की चासनी में डुबोकर भी पेश किया जा सकता है.
गॉडफादर ने सिनेमा विशेष रूप से पॉप कल्चर पर गहरा असर डाला. फिल्म ने दुनिया को I am Gonna make him an offer he can't refuse से लेकर its not personal, it's strictly business और Keep your friends close but your enemy closer जैसे आइकॉनिक डायलॉग्स से मुखातिब भी कराया, जो आज आम जिंदगी में हमेशा के लिए घुल-मिल गए हैं. पहले की गैंगस्टर फिल्मों में माफियाओं को विलेन और मुजरिम की तरह दिखाया जाता था. लेकिन गॉडफादर ने माफियाओं को मानवीय संवेदनाओं, इंसानी जटिलताओं और परिवार से जोड़कर पेश किया. यह असल में सिर्फ हिंसा की कहानी नहीं बल्कि परिवार और नैतिकता की कहानी है, जो सोचने पर मजबूर करती है कि सत्ता की चाह में इंसान कितना कुछ गंवा बैठता है.