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चुनाव आयोग ने तय किए नींबू, धनिया और आटा तक के दाम

लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के खर्च पर लगाम कसने के लिए चुनाव आयोग ने एक दिलचस्प कदम उठाते हुए, सूई-धागे की कीमत से लेकर हवाई यात्राओं की रेट फिक्स कर दी है. आयोग की खिंची इस लक्ष्मण रेखा की वजह से प्रचार के दौरान किए गए पहाड़ जितने खर्चे को राई के बराबर दिखाने वाले प्रत्याशियों की सारी होशियारी फेल होने वाली है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के खर्च पर लगाम कसने के लिए चुनाव आयोग ने एक दिलचस्प कदम उठाते हुए, सूई-धागे की कीमत से लेकर हवाई यात्राओं की रेट फिक्स कर दी है. आयोग की खिंची इस लक्ष्मण रेखा की वजह से प्रचार के दौरान किए गए पहाड़ जितने खर्चे को राई के बराबर दिखाने वाले प्रत्याशियों की सारी होशियारी फेल होने वाली है.

प्रचार के दौरान खान-पान और जरूरी सामान के रेट तय कर दिए गए हैं और प्रत्याशियों की ओर से दाखिल ब्योरा इसी कसौटी पर परखा जाएगा. आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन कार्यालयों ने जो लिस्ट जारी की है उसमें लाउडस्पीकर और गाड़ियों के किराए के साथ ही टेंट, और होर्डिंग की कीमत भी तय है. इसी तरह, कपड़े के बैनर और झंडे, प्लास्टिक के झंडे, हैंडबिल, पोस्टर, होर्डिंग्स, कटआउट, होटल के कमरों का किराया, टोपी, कनात, पर्दा, दरी, जनरेटर, स्पीच डायस, पानी की बोतल, कोल्ड ड्रिंक, चाय, समोसा, जलेबी, रबर, पेंसिल, सीलिंग बॉक्स, सुतली, स्टेप्लर, बाल्टी, पलंग, कुर्सी, बल्ब, तिरपाल हर चीज की कीमत फिक्स कर दी गई है.

निर्धारित कीमत के अनुसार एक शख्स को दो वक्त के खाने के लिए 100 रुपये लगेंगे. राजमा 92 रुपये, आलू 12 रुपये, प्याज 18 रुपये, हरी मटर 25 रुपये, गाजर 15 रुपये, फूलगोभी-पत्ता गोभी 8-10 रुपये, टमाटर 20-22 रुपये, मिर्च 18-20 रुपये, अदरक 100 रुपये, बैंगन 18-20, कद्दू 19-20, मूली 15-18, शिमला मिर्च 60-65, नींबू 80-85, सेब 150-180, केला 55-60, मौसम्मी, 35-40, चीकू, 55-60, अमरुद 35-40, पपीता 30-32, संतरा की कीमत 60-65 रुपये प्रति किलो निर्धारित है. चीनी 35 रुपये, नमक 18 रुपये, पिसा धनिया 160 रुपये, पिसी लाल मिर्च 160, पिसी हल्दी 190 रुपये किलो तय हुआ है. जीरा, हींग, गरम मसाला, सरसों तेल, रिफाइंड तेल, वनस्पति घी, नमकीन, बिस्किट, कुल्हड़, देशी घी की कीमत भी तय कर दी गई है.

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हालांकि एक बात जो प्रत्याशियों के फेवर में है, वो ये कि पूरे चुनावी मौसम में भले ही महंगाई बढ़ती घटती जाए, आयोग की तैयार लिस्ट उम्मीदवारों को निजी काम के लिए भी, अगर उनकी श्रद्धा हो तो, शॉपिंग और खर्च के दौरान मोल-भाव करने का आधार जरूर मिल गया है.

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