यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में है करहल विधानसभा सीट. पहले करहल सीट अखिलेश यादव की वजह से चर्चा में थी, लेकिन ये तब और ज्यादा सुर्खियों में आ गई, जब सपा से दिवंगत मुलायम सिंह यादव के पौत्र तेज प्रताप यादव के सामने भाजपा ने एक सोची समझी रणनीति के तहत दिवंगत मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश प्रताप यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया.
हालांकि अनुजेश यादव के नाम की चर्चा पहले से ही थी, लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा किसी शाक्य वर्ग के प्रत्याशी पर अपना दांव आजमाना चाहती थी. लेकिन बसपा ने शाक्य प्रत्याशी पहले ही उतारकर भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया. इसके बाद भाजपा ने सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई अनुजेश यादव को भाजपा का टिकट थमा दिया.
अनुजेश यादव को भाजपा से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद धर्मेंद्र यादव का वह लेटर फिर से वायरल होने लगा, जिसे उन्होंने अनुजेश प्रताप यादव के बीजेपी में शामिल होने के बाद 25 मार्च 2019 को जारी किया था.
वायरल लेटर में लिखा है कि मीडिया द्वारा मुझे ये जानकारी हुई कि अनुजेश प्रताप सिंह निवासी भारौल, जनपद फिरोजाबाद 24 मार्च 2019 को भाजपा में शामिल हो गए. मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भाजपा के किसी भी नेता से मेरा कभी भी कोई संबंध नहीं हो सकता. लिहाजा अनुजेश प्रताप सिंह से भी मेरा अब कोई संबंध नहीं है.
आज भी एक चुनावी सभा में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने उस पत्र का जिक्र किया. अनुजेश यादव का नाम लिए बिना धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आज वो जिसकी गोद में जाकर बैठे हैं, उन्हीं लोगों ने सबसे ज्यादा अत्याचार घिरोर की जनता पर किया है, ऐसे लोगों को सबक सिखाने का समय है.
बता दें कि संध्या यादव, दिवंगत मुलायम सिंह यादव की भतीजी हैं और वो मुलायम सिंह के भाई अभयराम यादव बेटी और सपा सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन हैं, संध्या यादव की शादी भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव से हुई, लिहाजा अनुजेश यादव, धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई हैं.