देशभर में मतदान को लेकर चली जागरुकता की बयार ने इस चुनाव में लोगों को मतदान के प्रति खासा जागरुक किया है. पूर्वाचल में अंतिम चरण के लिए होने वाले चुनाव में वोट देने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लोगों की भीड़ इसका प्रमाण है.
बात पूर्वांचल की करें तो काफी बड़ी संख्या में यहां के लोग देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में रोजी-रोटी के चक्कर में रहते हैं. अभी तक होली-दीपावली या फिर किसी खास आयोजन पर वे घर वापस आते थे, लेकिन शायद यह पहला मौका है जब वे सिर्फ मतदान करने आ रहे हैं.
देश भर में मजबूत लोकतंत्र के लिए मताधिकार की जगाई गई अलख का असर नजर आ रहा है. यह बात अलग है कि मताधिकार के लिए आने वाले इन लोगों में कुछ अपने क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर प्रतिनिधि चुनने के लिए आ रहे हैं तो कुछ दिल्ली की गद्दी पर पसंदीदा व्यक्ति बैठे इसके लिए अपने क्षेत्र से उस दल के प्रतिनिधि को संसद में भेजने के लिए मतदान करने आ रहे हैं.
कैंट रेलवे स्टेशन पर आजकल मुंबई, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, कोलकाता से आने वाली गाड़ियां फुल होकर आ रही हैं. इनमें बहुतेरे यात्री ऐसे हैं, जिनका कहना है कि वे मतदान के लिए आए हैं.
अमेरिका से दिल्ली होते हुए बनारस पहुंचे एक आईटी कंपनी के लीगल एडवाइजर आशीष त्रिपाठी कहते हैं कि 'मेरे बचपन के दोस्त की शादी थी, मैंने उसे मना कर दिया कि छुट्टी नहीं मिल पा रही है, लेकिन जब मतदान की तारीख और उसकी शादी के दिन में एक दिन का अंतर था तो भाग आया.'
मुंबई में एक पेंट कंपनी में काम करने वाले बड़ागांव के संदीप सिंह पत्नी-बच्चों के साथ आए हैं. उनका कहना था कि वे सिर्फ वोट देने के लिए चले थे, लेकिन पता चला कि गांव में और रिश्तेदारी में शादी है तो उसमें भी शरीक हो लेंगे.
मिर्जामुराद के बेनीपुर गांव निवासी पुजारी मोहन पत्नी संग सिर्फ मतदान करने घर आए हैं. आने वालों में कुछ ऐसे भी हैं जो शादी में आए हैं और वोट भी डाल लेंगे.