बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दरभंगा में विवादित बयान दिया है. लोकसभा चुनाव प्रचार में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान उन्होंने अपनी पूर्व सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तुलना सीता माता से की. इस दौरान उन्होंने बीजेपी को रामलीला से जोड़ते हुए उसका 'असली चेहरा' लोगों के सामने रखा.
दरभंगा में एक रैली को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा, रामलीला में जब पर्दा उठता है तो मंच पर एक व्यक्ति सीता माता के रूप में सामने आता है.....रामलीला देखने वाले लोग उस व्यक्ति के सामने माथा झुकाते हैं और आदर करते हैं....अगर आप पर्दे के पीछे जाएं और देखें तो वही सीता जी सिगरेट फूंकते हुए दिख जाएंगी. बीजेपी का यही असली चेहरा है.'
गौरतलब है कि महागठबंधन में शामिल रालोसपा बिहार की पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी जमुई लोकसभा सीट से पहले ही भूदेव चौधरी को मैदान में उतार चुकी है. दो सीटों पर चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दो सीटों पर चुनाव लड़कर एक सीट पर जेडीयू और एक पर बीजेपी को सबक सिखाना चाहते हैं. दोनों दलों ने मुझे बर्बाद करने का जो संकल्प लिया है, दोनों सीटों से हराकर हम उन्हें सबक सिखाएंगे.
काराकाट के मौजूदा सांसद उपेंद्र कुशवाहा उजियारपुर से नौ अप्रैल और काराकाट से 25 अप्रैल को नामांकन का पर्चा दाखिल करेंगे. उजियारपुर में उपेंद्र का मुख्य मुकाबला बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा सांसद नित्यानंद राय से और काराकाट में जेडीयू प्रत्याशी महाबली सिंह से होगा. महागठबंधन में रालोसपा के अलावा आरजेडी, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी शामिल हैं. कुशवाहा ने दावा किया है कि सभी 40 सीटों पर महागठबंधन की जीत तय है. बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सभी सात चरणों में मतदान होना है.
रालोसपा ने अपने हिस्से की चार लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. रालोसपा प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा दो लोकसभा सीटों -काराकाट और उजियारपुर- से चुनाव लड़ेंगे. कुशवाहा ने कहा कि कार्यकर्ताओं के दबाव और लोगों की भावना को देखते हुए उन्हें दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला करना पड़ा है.
पिछले दिसंबर में कुशवाहा ने बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को छोड़ दिया. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मंत्री पद से इस्तीफे के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर जोरदार हमला बोला. उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'बिहार को धोखा देने व कामकाज में आपरदर्शी शैली और गैर लोकतांत्रिक तरीका' अपनाने का आरोप लगाया.
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