लोकसभा चुनाव 2019 के तहत तेलंगाना की महबूबनगर लोकसभा सीट पर तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) के मन्ने श्रीनिवास रेड्डी 77829 वोटों के अंतर से वोटों के अंतर से अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को शिकस्त देने में कामयाब रहे. इस लोकसभा सीट पर पहले चरण में वोटिंग हुई और 65.39 फीसदी मतदान हुआ. इस लोकसभा सीट से 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
2019 का जनादेश
इस सीट पर टीआरएस के मन्ने श्रीनिवास रेड्डी ने 411402 वोटों के साथ जीत दर्ज की. वहीं भारतीय जनता पार्टी की डीके अरुणा 333573 वोटों के साथ दूसरे और कांग्रेस पार्टी से चल्ला वमशी चंद रेड्डी 193631 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे.
कौन-कौन उम्मीदवार
महबूबनगर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी से डीके अरुणा, कांग्रेस पार्टी से चल्ला वमशी चंद रेड्डी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) से मन्ने श्रीनिवास रेड्डी, अंबेडकर नेशनल कांग्रेस से इमरान अहमद खान, बहुजन मुक्ति पार्टी से वी दसराम नाइक और इंडियन रक्षक नयाकुडू पार्टी से ई. शिवदुर्गा प्रसाद रेड्डी के अलावा अजीम खान, इम्तियाज अहमद, जोरिघा विश्वेश्वर, डी थिम्मप्पा, पोला प्रशांत कुमार और मुन्नुरुकपु गोपाल रेड्डी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे.
पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट से टीआरएस के ए.पी. जितेंद्र रेड्डी ने जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जयपाल रेड्डी को करीब ढ़ाई हजा वोटों से शिकस्त दी थी. जितेंद्र रेड्डी को 32.94 फीसदी यानी 3 लाख 34 हजार 228 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार जयपाल रेड्डी को 32.68 फीसदी यानी 3 लाख 31 हजार 638 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार नागम जनार्दन रेड्डी तीसरे नंबर पर रहे थे. उनको 26.88 फीसदी यानी 2 लाख 72 हजार 791 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
महबूबनगर लोकसभा सीट तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से एक है, जो महबूबनगर जिले में आती है. महबूबनगर जिला हैदराबाद के छठे निजाम मीर महबूब अली खान के समय में बना था और उनके नाम पर ही इस जिले का नाम पड़ा. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस लोकसभा सीट की 80 फीसदी आबादी ग्रामीण और 20 फीसदी आबादी शहरी इलाकों में रहती है.
यह सीट कभी कांग्रेस का गढ़ रही है. हालांकि पिछले दो बार से यहां टीआरएस जीत दर्ज कर रही है. इतना ही नहीं, महबूबनगर संसदीय क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा सीटों पर भी टीआरएस का ही कब्जा है. महबूबनगर लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें कोडंगल, नारायनपेट, महबूबनगर, जाडचेरला, देवरकाडरा, मकथाल और शादनगर विधानसभा सीटें शामिल हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी, उस समय यह आंध्र प्रदेश का हिस्सा हुआ करती थी. इस सीट पर अब तक 16 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 10 बार कांग्रेस को जीत मिली है. हालांकि, बीच-बीच में तेलंगाना प्रजा समिति, भारतीय जनता पार्टी और जनता पार्टी के उम्मीदवार भी यहां से जीत दर्ज करते रहे हैं. तेलंगाना आंदोलन के समय यहां से तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के फाउंडर के. चंद्रशेखर राव जनता के प्रतिनिधि थे.
इस सीट से सबसे ज्यादा चार बार जे. रामेश्वर और डॉ मल्लिकार्जुन चुनाव जीते. रामेश्वर तीन बार कांग्रेस के टिकट और एक बार तेलंगाना प्रजा समिति के टिकट से जीतकर संसद पहुंचे. डॉ मल्लिकार्जुन भी तीन बार कांग्रेस के टिकट और एक बार कांग्रेस (इंदिरा) के टिकट से जीत दर्ज की. इसके अतिरिक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी भी 8वीं और 12वीं लोकसभा के लिए इसी सीट से चुने गए थे.
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