महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों पर 4 चरणों में मतदान होने हैं, जिसमें महाराष्ट्र की जलगांव सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले गए. चुनाव आयोग के मुताबिक, इस संसदीय सीट पर 56.19% वोटिंग दर्ज की गई. जो कि 2014 के आम चुनाव में 60.36% दर्ज की गई थी. वहीं, महाराष्ट्र की 14 संसदीय सीटों पर औसत मतदान 62.07% दर्ज किया गया.
2019 लोकसभा चुनाव के लिए जलगांव सीट से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें 6 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तरी महाराष्ट्र की जलगांव लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार बदलते हुए चालीसगांव से मौजूदा विधायक उन्मेष पाटिल को चुनावी समर में उतारा है. इससे पहले बीजेपी ने समिता वाघ को टिकट दिया गया था और वाघ ने 28 मार्च को बतौर पार्टी प्रत्याशी जलगांव सीट से नामांकन भी दाखिल कर दिया था. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की ओर से गुलाबराव बाबूराव देवकर चुनाव लड़ रहे हैं.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राहुल नारायण बंसोड को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं बहुजन मुक्ति पार्टी की तरफ से ईश्वर दयाराम चुनाव लड़ रहे हैं. वंचित बहुजन आघाडी की ओर से अंजलि रत्नाकर बाविस्कर चुनाव मैदान में उतरी हैं, जबकि 6 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं.
जलगांव सीट: BJP के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
बता दें कि 2014 में मोदी लहर के दौरान बीजेपी-शिवसेना गठजोड़ ने कांग्रेस का सूपड़ा पूरी तरह से साफ कर दिया था. इस बार चुनाव में कांग्रेस ने अपने किले को वापस पाने के लिए कमर कस ली है. महाराष्ट्र में 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भी शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन है, जिसमें दोनों पार्टियों के बीच 25/23 का फॉर्मूला तय है, यानी कुल 48 लोकसभा सीटों में से शिवसेना 23 और बीजेपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
जलगांव लोकसभा सीट: 20 साल से BJP का गढ़, क्या जीत पाएगी कांग्रेस
गौरतलब है कि आज तीसरे चरण के तहत राज्य की कुल 14 लोकसभा सीटों पर मतदान किए गए. इनमें जलगांव, रावेर, जालना, औरंगाबाद, रायगढ़, पुणे, बारामति, अहमदनगर, माढा, सांगली, सतारा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और हातकणंगले शामिल हैं.
2014 का जनादेश
वहीं 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो जलगांव लोकसभा सीट पिछले 20 साल से बीजेपी का गढ़ है. यहां से बीजेपी के वरिष्ठ नेता ए.टी नाना पाटिल सांसद हैं. वो 2009 और 2014 से लगातार यहां से जीतते हैं, हालांकि पार्टी ने इस बार नाना पाटिल का टिकट काट दिया है. 2014 में नाना पाटिल ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता डॉ. सतीश भास्करराव पाटिल को 38, 35, 25 वोटों से हराया था.
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