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रामविलास पासवान को तेजस्वी ने बताया वंचितों का नेता, सीट शेयरिंग पर NDA से तकरार के बीच चिराग को मैसेज?

राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं बल्कि सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी-जेडीयू और एनडीए के ही साथी चिराग पासवान में चल रही खींचतान को लेकर एक संभावित संदेश भी हो सकता है. यह राजनीतिक रणनीति उस समय की जा रही है जब बिहार में छोटे दलों की अहमियत बढ़ रही है और एनडीए में सीट शेयरिंग पर असहमति की खबरें सामने आ रही हैं.

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चिराग ने करीबी सहयोगियों को कहा है कि जरूरत पड़ी तो वे मंत्री पद से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. (File Photo- PTI)
चिराग ने करीबी सहयोगियों को कहा है कि जरूरत पड़ी तो वे मंत्री पद से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. (File Photo- PTI)

बिहार चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. मोदी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान सीट बंटवारे को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने बीजेपी और जेडीयू से 45 से 54 सीटों की मांग की है, जिस पर पेच फंसा हुआ है. 

इस बीच तेजस्वी यादव ने एलजेपी के संस्थापक और चिराग के पिता रामविलास पासवान को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर बड़ा सियासी संकेत दिया है. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "वंचितों के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले श्रद्धेय रामविलास पासवान जी को उनकी पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं."

इस कदम को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं बल्कि सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी-जेडीयू और एनडीए के ही साथी चिराग पासवान में चल रही खींचतान को लेकर एक संभावित संदेश भी हो सकता है. कयास लगाए जाने लगे हैं कि चुनावी मौसम में तेजस्वी यादव का रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देता पोस्ट एलजेपी को INDIA ब्लॉक में शामिल करने या गठबंधन समीकरण पर असर डालने का संकेत हो सकता है. 

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यह राजनीतिक रणनीति उस समय की जा रही है जब बिहार में छोटे दलों की अहमियत बढ़ रही है और एनडीए में सीट शेयरिंग पर असहमति की खबरें सामने आ रही हैं.

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चिराग ने बीजेपी नेताओं संग की बैठक

मंगलवार को दिल्ली में चिराग पासवान और बीजेपी नेताओं धर्मेंद्र प्रधान व विनोद तावड़े के बीच करीब पचास मिनट तक बैठक हुई. बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से सीटों की मांग रखी गई. एलजेपी के सूत्रों के अनुसार पार्टी इस बार 45 से 54 सीटों पर चुनाव लड़ने का लक्ष्य लेकर चल रही है.

बैठक में एलजेपी (रामविलास) की ओर से साफ कहा गया कि पार्टी को 2024 लोकसभा चुनाव में जीती गई पांच सीटों और 2020 विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर सीटें दी जानी चाहिए. चिराग पासवान ने विशेष रूप से कहा कि जिन पांच लोकसभा क्षेत्रों में एलजेपी ने जीत दर्ज की है, वहां से प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम दो विधानसभा सीटें पार्टी को दी जाएं. इसके अलावा पार्टी के बड़े नेताओं के लिए भी सीटों की मांग रखी गई.

बीजेपी की ओर से चिराग को भरोसा दिया गया कि उनकी मांगों पर पार्टी स्तर पर चर्चा कर जल्द ही उत्तर दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दो-तीन दिनों में एनडीए गठबंधन की ओर से सीट बंटवारे का अंतिम ऐलान किया जा सकता है.

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सीट शेयरिंग फॉर्मूला और NDA की चुनौती

सूत्रों के अनुसार, एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा लगभग अंतिम दौर में है. बीजेपी और जेडीयू को लगभग 205 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि छोटे सहयोगियों जैसे HAM, RLSP और LJP (रामविलास) को 38 सीटें मिल सकती हैं. सूत्रों का अनुमान है कि एलजेपी को 25, HAM को 7 और RLSP को 6 सीटें मिल सकती हैं.

अगर छोटे दलों को सीटें कम मिलती हैं, तो बीजेपी उन्हें राज्यसभा या विधान परिषद की सीटों से संतुलन साधने की पेशकश भी कर सकती है. यह फॉर्मूला हालांकि एलजेपी के लिए संतोषजनक नहीं है और चिराग पासवान की यह मांग सामने आ रही है कि कम से कम 40 जीताऊ सीटें उन्हें मिलनी चाहिए.

चिराग पासवान ने मंत्री पद छोड़ने तक की कही बात!

सूत्र बताते हैं कि चिराग पासवान ने अपने करीबी सहयोगियों को कहा है कि जरूरत पड़ी तो वे केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. उन्होंने साफ कहा, ‘मेरे लिए बिहार पहले, बिहारी पहले.’ इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर NDA में बात नहीं बनी तो वे जन सुराज पार्टी के साथ गठबंधन करने की संभावना तलाश सकते हैं.

गौरतलब है कि 2020 के चुनाव में चिराग पासवान ने जेडीयू से नाराज होकर NDA से अलग चुनाव लड़ा था. उस बार उनकी पार्टी ने कई सीटों पर मुकाबला किया था, जिससे JDU को करीब 27 सीटों पर नुकसान हुआ था. इस बार भी सीट बंटवारे को लेकर खींचतान ने एनडीए की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

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