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कोलकाता में 'दुर्गा आंगन' बनवाएगी ममता सरकार, सीएम करेंगी शिलान्यास

ममता बनर्जी कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में दुर्गा आंगन का शिलान्यास करेंगी. यहां पूरे वर्ष दुर्गा पूजा के अनुष्ठान आयोजित होंगे. विधानसभा चुनाव से पहले ममता सरकार के इस कदम को हिंदुत्व की पिच पर तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है.

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कोलकाता के न्यू टाउन में बनेगा दुर्गा आंगन (Photo: PTI)
कोलकाता के न्यू टाउन में बनेगा दुर्गा आंगन (Photo: PTI)

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है. 2026 में सूबे की सरकार चुनने के लिए विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनावी साल की शुरुआत से पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस हिंदुत्व के मोर्चे पर घिरी हुई है. टीएमसी के विधायक हुमायूं कबीर ने छह दिसंबर को ही मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया था. टीएमसी ने हुमायूं को पार्टी से निकालने के साथ ही उनके इस कदम से दूरी बना ली थी.

अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुत्व को लेकर बड़ा दांव चलने की तैयारी में हैं. सीएम ममता बनर्जी आज कोलकाता में दुर्गा आंगन की आधारशिला रखेंगी. पश्चिम बंगाल के पिछले विधानसभा चुनाव (2021) में भी सीएम ममता ने मंच से चंडी पाठ किया था. अब 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले दुर्गा आंगन के शिलान्यास को हिंदुत्व की पिच पर टीएमसी को घेरने की विपक्षी कोशिशें काउंटर करने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.

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सीएम ममता बनर्जी जिस दुर्गा आंगन का शिलान्यास करने जा रही हैं, उसका निर्माण कोलकाता के न्यू टाउन इलाके में होगा. जानकारी के मुताबिक इस दुर्गा आंगन को एक स्थायी मंदिर परिसर के रूप में विकसित किया जाना है. दुर्गा आंगन में पूरे साल दुर्गा पूजा के अनुष्ठान और उत्सव आयोजित होंगे. पश्चिम बंगाल सरकार के मुताबिक दुर्गा आंगन के निर्माण के पीछे सोच 2021 में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा मिलने के बाद बंगाल की सांस्कृतिक पहचान और गौरव को संस्थागत रूप देना है.

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सीएम ममता ने वर्ष 2025 की शुरुआत में दीघा में जगन्नाथ मंदिर का लोकार्पण किया था. अब दुर्गा आंगन 2025 की शुरुआत में दीघा के जगन्नाथ मंदिर के बाद ममता सरकार की दूसरी बड़ी धार्मिक-सांस्कृतिक परियोजना है. ममता सरकार के इस कदम को हिंदुत्व की पिच पर विपक्षी बीजेपी से दो-दो हाथ करने की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. दुर्गा पूजा के त्योहार और इस आयोजन को मिली वैश्विक मान्यता के सहारे ममता बनर्जी की रणनीति टीएमसी को बंगाली परंपराओं के वास्तविक संरक्षक के रूप में पेश करने की भी बताई जा रही है.

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