सुप्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर के बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा जोरों पर है. मैथिली ठाकुर ने आजतक से बात करते हुए खुद भी इस तरह की चर्चा की पुष्टि की थी और बताया था कि टिकट की बात 10 दिन पहले शुरू हुई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि मेरी आत्मा बिहार है और अपने क्षेत्र में रहकर योगदान देना चाहती हूं. इसे लेकर अब मैथिली के पिता रमेश ठाकुर का भी बयान आया है.
मैथिली के पिता रमेश ठाकुर ने कहा है कि बिहार से जब पलायन शुरू हुआ था, तब पहले बैच के पलायन करने वालों में से हम लोग हैं. तब से जो निकले, अभी तक निकले ही हुए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में जब से एनडीए की सरकार आई है, पहले से बहुत बेहतर हो गया है. अब लौटने का समय है. रमेश ठाकुर ने कहा कि अब जरूरत है कि बिहार के स्किल्ड लोग प्रदेश लौटें और सूबे के लिए काम करें.
जातीय उन्माद फैलने को बिहार से पलायन का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि 30 साल से बाहर हूं. हमको बस म्यूजिक ही आता था. रमेश ठाकुर ने कहा कि गाना बजाना शुरू कर दिया, लोगों को म्यूजिक सिखाना शुरू कर दिया. किसी तरह से अपने आपको स्टेबल किया. उन्होंने आगे कहा कि शादी हुई, बच्चे हुए. फिर इन लोगों ने कुछ-कुछ करना शुरू कर दिया और आज यहां तक पहुंचा हूं.
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रमेश ठाकुर ने कहा कि पहले तो सब ठीक था, लेकिन लालू यादव के आने से अचानक गड़बड़ हो गया था. उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों पर हमले शुरू हो गए थे. खेत काटने लगे थे, कब्जा करने लगे थे और केस किए जाने लगे थे. मैथिली कि पिता ने आगे कहा कि हम लोग उस समय नए-नए जवान हुए थे. हम लोगों पर ज्यादा आ रहा था, जिसकी वजह से हम वहां से भाग गए थे.
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मैथिली ठाकुर के पिता ने यह भी कहा कि बिहार से जो लोग पलायन कर गए हैं, उनकी सुधि लेने वाला अब तक कोई नहीं है. उस पर थोड़ा काम हो, बिहार के लोग बिहार आएं और बिहार के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि 1995 से जो पलायन शुरू हुआ, वह अभी तक चलता ही आ रहा है. जब से एनडीए की सरकार आई है, कुछ विकास हुआ है. पहले से बेहतर हो गया है.