कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की विस्तारित बैठक बुधवार को पटना में आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संगठनात्मक मजबूती, राज्य और जिला स्तर पर चुनावी तैयारियों, और बिहार में हाल ही में सम्पन्न ‘वोट अधिकार यात्रा’ की सफलता का व्यापक आकलन किया.
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की, जबकि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, सचिन पायलट, कोषाध्यक्ष अजय माकन और बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे.
संगठनात्मक मजबूती और ब्लॉक-डिस्ट्रिक्ट स्तर की तैयारियां
CWC ने बैठक में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया. अब तक 144 जिला कांग्रेस समितियों (DCC) के अध्यक्षों की घोषणा की जा चुकी है. प्रदेश कांग्रेस समितियों (PCC) के अध्यक्ष जिला कार्यालयों में जाकर सर्वे करेंगे और ब्लॉक अध्यक्षों के चुनाव के लिए पैनल तैयार करेंगे. पार्टी ने 2025 को संगठन मजबूत करने का वर्ष घोषित किया है.
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
बैठक में यह तय किया गया कि ‘वोट चोरी, गद्दी चोर’ और न्यायिक मार्च जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को जोड़ने का अभियान जारी रहेगा. इसके अलावा, देशभर में पांच करोड़ हस्ताक्षर जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसे 5 सितंबर से 15 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा. अक्टूबर के अंत में इस अभियान का समापन एक विशेष कार्यक्रम के माध्यम से किया जाएगा.
जयराम रमेश ने ‘वोट चोरी अभियान’ पर राजनीतिक प्रस्ताव पेश करते हुए चेतावनी दी कि Mini Hydrogen Bomb, Hydrogen Bomb और Uranium Bomb जैसी चुनौतियाँ अलग-अलग क्षेत्रों में उभर सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगले एक महीने में राहुल गांधी इस अभियान के और खुलासे करेंगे.
राजनीतिक और सरकार विरोधी प्रस्ताव
बैठक में सरकार की नीतियों पर तीखी आलोचना भी की गई. CWC ने कहा कि NDA शासन के दौरान लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता और समानता कमजोर हुई हैं. किसानों, युवाओं और मध्यम वर्ग के हितों की अनदेखी की जा रही है. बेरोजगारी बढ़ी है, MSME संकट में हैं, और MGNREGA बजट में कटौती ने गरीबों को और अधिक गरीबी में धकेल दिया. CWC ने हाल की बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं में हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया और केंद्र सरकार की असंगति को कठोर शब्दों में निंदा की.
विदेश नीति पर भी चिंता जताई गई. चीन और अमेरिका के साथ हालिया कूटनीतिक घटनाक्रम, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों की स्थिति को लेकर सरकार की विफलताओं का उल्लेख किया गया. CWC ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता खतरे में है और देश वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ रहा है.
CWC ने मतदाता सूची में अनियमितताओं और ‘Vote Chori’ के मामलों का उल्लेख किया. राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया कि यह प्रक्रिया आम नागरिकों, विशेषकर दलित, पिछड़े वर्ग, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदान के अधिकार को बाधित करने की एक रणनीति है. जब जनता के वोट को चोरी किया जाता है, तो उनका भविष्य, उनकी गरिमा और संवैधानिक अधिकार भी छीन लिए जाते हैं.
बिहार के वोटर अभियान और जनता से अपील
CWC ने बिहार में सम्पन्न ‘Voter Adhikar Yatra’ को लोकतंत्र की रक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया. बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने जो ‘Vote Chori’ के मामले उजागर किए हैं, वे लोकतंत्र की नींव को हिला देने वाले हैं और इसके लिए उन्हें सम्मान दिया जाना चाहिए.
पार्टी ने बिहार के लोगों से अपील की कि वे अपने वोट के महत्व को समझें और लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं. कांग्रेस ने घोषणा की कि वह संसद और सड़कों दोनों जगह इस संघर्ष को जारी रखेगी, ताकि मूल संवैधानिक अधिकार, आरक्षण, सामाजिक न्याय और राज्य के कल्याणकारी लाभ सभी नागरिकों तक सही ढंग से पहुँचें.
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने CWC बैठक पर पलटवार किया. सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने आरजेडी शासन के दौरान राज्य में अपहरण, घोटाले और जातिगत हिंसा पर मौन साधा था. उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सवाल उठाया और तेजस्वी यादव की विपक्षी मुख्यमंत्री की भूमिका पर टिप्पणी की.