scorecardresearch
 

बिहार चुनाव को लेकर मायावती का बड़ा ऐलान, अकेले चुनाव लड़ेगी BSP; किसी के साथ गठबंधन नहीं

बिहार में होने वाले चुनाव में बीएसपी पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करने वाली है. बीएसपी अकेले ही विधानसभा चुनाव में उतरेगी. मायावती ने ये ऐलान पदाधिकारियों के साथ हुए चुनाव की तैयारियों की समीक्षा बैठक के बाद की है.

Advertisement
X
बीएसपी ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की (File Photo: PTI)
बीएसपी ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की (File Photo: PTI)

BSP Supremo Mayawati on Bihar Chunav 2025: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव की तैयारियों के लिए राजनीति पार्टियां जुटी हुई हैं. मायावती ने बीएसपी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा बैठक की. इस बैठक में उम्मीदवारों के चयन के साथ-साथ पार्टी की हर स्तर की तैयारियों पर चर्चा हुई. उन्होंने ऐलान किया कि चुनाव में बीएसपी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. वह चुनाव में अकेले अपने बल पर लड़ेगी. 

इस बैठक में अगले महीने से शुरू होने वाली पार्टी की यात्रा और जनसभाओं की रूपरेखा अंतिम रूप दी गई. पार्टी पदाधिकारियों को तन, मन और धन से चुनाव की तैयारी में जुटने के निर्देश दिया गया. 

बैठक में क्या प्रमुख निर्णय लिए गए?

सबसे बड़ा निर्णय रहा कि बीएसपी बिहार चुनाव में अकेले लड़ेगी. पार्टी की अगले महीने होने वाले कार्यक्रमों की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद और केंद्रीय कोऑर्डिनेटर और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और बीएसपी बिहार स्टेट यूनिट को सौंपी गई है.  

बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें

बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें

यह भी पढ़ें: बिहार में मखाना बना चुनावी मुद्दा, कीमतें छू रही हैं आसमान, ग्राउंड रिपोर्ट में जानें किसानों और श्रमिकों का हाल 

इस बैठक में प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में पार्टी के बूथ स्तर पर संगठनात्मक मजबूती देने पर जोर दिया गया. बैठक में आगामी चुनाव में बेहतर परिणाम लाने का आश्वासन दिया.

BSP ने 2015-2020 में बिहार चुनाव में कैसा किया परफॉर्म?

Advertisement

बात करें 2020 बिहार विधानसभा चुनाव की तो बीएसपी ने 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन पार्टी को महज दो सीटों पर जीत मिली थी. रामगढ़ और चैनपुर सीट से. बीएसपी ने छोटे दल, जैसे - रालोसपा के साथ गठबंधन किया था. 

2015 के मुकाबले 2020 में प्रदर्शन बेहतर रहा. 2015 में बीएसपी ने 228 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का उतारा था. लेकिन एक भी सीट जीत नहीं सकी थी. किसी के साथ गठबंधन नहीं किया ता. 

बीएसपी का बिहार चुनाव में यूपी से सटे जिलों में थोड़ा प्रभाव देखा जाता है, जैसे - कैमूर और रोहतास में.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement